राष्ट्रीय हिन्दी दिवस
लेखक- मदन मोहन भास्कर
स्मार्ट हलचल/ हिंदी, भारत की मातृभाषा है। यह सबसे अधिक बोली जाने वाली और सम्मानित भाषाओं में से एक भाषा है। हिंदी दिवस राष्ट्रीय उत्सव है, जिसे हर साल 14 सितंबर के दिन मनाया जाता हैं। हिंदी भाषा मुख्य रूप से भारत में बोली जाती है,हिन्दी सबसे प्राचीनतम एवं सरलता से समझ आने वाली भाषा है जबकि विश्व हिंदी दिवस को 10 जनवरी के दिन मनाया जाता है। हिंदी भाषा का इतिहास में अपना एक महत्वपूर्ण स्थान और गौरवशाली इतिहास है। हिंदी भाषा कई साहित्यकारों की रचनाओं एवं स्वतंत्रता संग्राम की कहानियों में लिखी गई है। भारत में कई भाषाएं बोली जाती हैं, लेकिन मुख्य रूप से हिंदी भाषा का उपयोग किया जाता है। हिंदी भाषा केवल भारत में ही नहीं बल्कि पूरे विश्व के करीब 600 मिलियन से भी अधिक लोगों द्वारा उपयोग की जाती है।
हिंदी शब्द की उत्पत्ति
जन जन को जो मिलाती है,
वो भाषा हिंदी कहलाती है।
हिंदी को इसका नाम फारसी शब्द हिंद से मिला है, जिसका अर्थ है ‘सिंधु नदी की भूमि’। 11वीं शताब्दी की शुरुआत में तुर्की के आक्रमणकारियों ने क्षेत्र की भाषा को हिंदी यानी, ‘सिंधु नदी की भूमि की भाषा’ नाम दिया। यह भारत की आधिकारिक भाषा है, वहीं, अंग्रेजी दूसरी आधिकारिक भाषा है। भारत के बाहर कुछ देशों में भी हिंदी बोली जाती है।
हिन्दी दिवस पर हम सभी ने ठाना है,
लोगों में हिंदी का स्वाभिमान जगाना है।
हिंदी दिवस 14 सितंबर को ही क्यों मनाया जाता है ?
हिंदी दिवस को 14 सितंबर के दिन मनाने का मुख्य कारण यह है कि इसी दिन सन 1950 में महात्मा गांधी ने दक्षिण भारतीय राजभाषा कमिशन को गठित किया था। इसका उद्देश्य हिंदी भाषा को भारत की राजभाषा के रूप में प्रचारित और प्रसारित करने का था। सन 1950 में 14 सितंबर के दिन संविधान सभा ने देवनागरी लिपि हिंदी को देश की आधिकारिक भाषाओं में से एक के रूप में चुना था और इसके साथ ही 26 जनवरी 1950 में संविधान के अनुच्छेद 343 में हिंदी को आधिकारिक रूप से राष्ट्रीय भाषा का दर्जा प्रदान किया गया था। सन 1953 में 14 सितंबर के दिन पूरे देश में पहली बार हिंदी दिवस मनाया गया । हिंदी दिवस को मनाने का फैसला प्रधानमंत्री जवाहरलाल नेहरू द्वारा किया गया। हिंदी हमारी राष्ट्रीय भाषा है और एक भारतीय होने के नाते हमें अपनी भाषा पर गर्व करना चाहिए और सम्मान देना चाहिए। हमें हिंदी भाषा का सर्वाधिक उपयोग करना चाहिए ।
हिंदी दिवस का उद्देश्य क्या है ?
सारे देश की आशा है,
हिन्दी अपनी भाषा है,
जात पात के बंधन को तोड़े,
हिंदी सारे देश को जोड़े।
14 सितंबर के दिन हिंदी भाषा के महत्व और महत्ता पर ध्यान देने के साथ भारत की भाषाई विविधता को बढ़ावा देने और जश्न मनाने के लिए हिंदी दिवस मनाया जाता है। अपने विचार और भावनाओं को मौखिक और लिखित रूप से प्रकट करने के लिए हमें भाषा की आवश्यकता होती है। इसलिए भाषा बहुत अधिक महत्वपूर्ण होती है। भारत विविधताओं वाला देश है, जिसमें विभिन्न धर्म, जाति के लोग रहते हैं, लेकिन इन सभी लोगों को हिंदी भाषा ने जोड़ कर रखा हुआ है। यह सबसे प्राचीनतम भाषाओं में से एक है और मुख्य रूप से भारत में बोली जाती है। हिंदी भाषा के महत्त्व को जानते हुए ही इसे राष्ट्र भाषा को उपाधि दी गई है। यह हमारे राष्ट्र की धरोहर है, हमें इसे संजोए रखना चाहिए।
हिंदी दिवस किसकी याद में मनाया जाता है ?
संघ की राजभाषा हिन्दी और लिपि देवनागरी होगी। संघ के राजकीय प्रयोजनों के लिए प्रयोग होने वाले अंकों का रूप अन्तर्राष्ट्रीय रूप होगा। यह निर्णय 14 सितम्बर को लिया गया, इसी दिन हिन्दी के मूर्धन्य साहित्यकार व्यौहार राजेन्द्र सिंह का 50वाँ जन्मदिन था, इस कारण हिन्दी दिवस के लिए इस दिन को श्रेष्ठ माना गया ।
हिंदी दिवस कैसे मनाया जाता है ?
हिंदी दिवस को भारत में पहली बार 1953 में मनाया गया था, तब से लेकर आज तक यहां भारत में हर साल मनाया जा रहा है। इस दिन को मनाने के लिए विभिन्न स्कूलों और कॉलेज के साथ सरकारी तथा गैर सरकारी संगठनों में कार्यक्रम आयोजित किए जाते हैं, जिसमें भाषण, साहित्यिक प्रस्तुतियां, गीत, नृत्य एवं कविता आदि शामिल है। इस साल 2023 में 14 सितंबर से लेकर 29 सितंबर के बीच हिंदी पखवाड़े का आयोजन किया जाएगा। इन आयोजनों एवं कार्यक्रम के माध्यम से लोगों को राष्ट्रीय भाषा के महत्व को समझने का अवसर मिलता है।
हिंदी का महत्व
हिंदी भाषा का सबसे बड़ा महत्व तो यह है कि वह हमारी राष्ट्रीय और प्राचीनतम भाषाओं में से एक है। हिंदी भाषा में कई साहित्य, वेद एवं भारतीय संस्कृति और धार्मिक ग्रंथ लिखे। संविधान सभा ने हिंदी को राष्ट्रीय भाषा के रूप में पहचान दिलाने के लिए राष्ट्रीय हिंदी दिवस को मनाए जाने का महत्वपूर्ण फैसला लिया जिससे लोग अपने देश की प्राचीन भाषा और संस्कृति से जुड़े रहें।