Homeभरतपुर28 फरवरी राष्ट्रीय विज्ञान दिवस धूमधाम से समारोह पूर्वक मनाया,national science day

28 फरवरी राष्ट्रीय विज्ञान दिवस धूमधाम से समारोह पूर्वक मनाया,national science day

28 फरवरी राष्ट्रीय विज्ञान दिवस धूमधाम से समारोह पूर्वक मनाया

विकसित भारत के लिए स्वदेशी तकनीक और प्रोध्योगिकी

बांसवाड़ा।स्मार्ट हलचल/राजकीय उच्च माध्यमिक विद्यालय अमरथुन में आज 28 फरवरी राष्ट्रीय विज्ञान दिवस धूमधाम से समारोह पूर्वक मनाया गया।राष्ट्रीय विज्ञान दिवस की शुरुआत
678 बालक बालिकाओं की रैली अमरथुन के विभिन्न वार्ड में निकाल कर बांसिया चरपोटा चौराहे से होती हुई विद्यालय में आम सभा में परिवर्तित हो गई।

सभा में विकसित भारत के लिए स्वदेशी तकनीक और प्रोध्योगिकी पर बोलते हुए सस्था प्रधान अरुण व्यास ने बताया कि भारत में सन् 1986 से प्रोफेसर सी.वी. रमन (चंद्रशेखर वेंकटरमन के जन्मदिन को प्रतिवर्ष 28 फरवरी को राष्ट्रीय विज्ञान दिवस (नेशनल साइंस डे) मनाया जाता है।

श्री व्यास ने प्रोफेसर सी.वी. रमन (चंद्रशेखर वेंकटरमन) ने सन् 1928 में कोलकाता में इस दिन एक उत्कृष्ट वैज्ञानिक खोज की थी, जो ‘रमन प्रभाव’ के रूप में प्रसिद्ध है।

सभा को वार्ताकार अनूप मेहता ने बताया कि रमण की यह खोज 28 फरवरी 1930 को प्रकाश में आई थी। इस कारण 28 फरवरी राष्ट्रीय विज्ञान दिवस के रूप में मनाया जाता है। इस कार्य के लिए उनको 1930 में नोबेल पुरस्कार से सम्मानित किया गया था।

सभा में दिलीप मीणा ने बताया कि इस दिवस का मूल उद्देश्य विद्यार्थियों को विज्ञान के प्रति आकर्षित करना, विज्ञान के क्षेत्र में नए प्रयोगों के लिए प्रेरित करना तथा विज्ञान एवं वैज्ञानिक उपलब्धियों के प्रति सजग बनाना है। इस दिन, विज्ञान संस्थान, प्रयोगशाला, विज्ञान अकादमी, स्कूल, कॉलेज तथा प्रशिक्षण संस्थानों में वैज्ञानिक गतिविधियों से संबंधित प्रोग्रामों का आयोजन किया जाता हैं। रसायनों की आणविक संरचना के अध्ययन में ‘रमन प्रभाव’ एक प्रभावी साधन है।

सभा में मुकेश पटेल ने बताया कि राष्ट्रीय विज्ञान दिवस देश में विज्ञान के निरंतर उन्नति का आह्वान करता है, परमाणु ऊर्जा को लेकर लोगों के मन में कायम भ्रातियों को दूर करना इसका मुख्य उद्देश्य है तथा इसके विकास के द्वारा ही हम समाज के लोगों का जीवन स्तर अधिक से अधिक खुशहाल बना सकते हैं।

सभा में रमन प्रभाव में एकल तरंग- दैध्र्य प्रकाश (मोनोक्रोमेटिक) किरणें, जब किसी पारदर्शक माध्यम ठोस, द्रव या गैस से गुजरती है तब इसकी छितराई किरणों का अध्ययन करने पर पता चला कि मूल प्रकाश की किरणों के अलावा स्थिर अंतर पर बहुत कमजोर तीव्रता की किरणें भी उपस्थित होती हैं इन्हीं किरणों को रमन-किरण भी कहते हैं।

सभा में बदन लाल डामोर ने कहा कि भौतिक शास्त्री सर सी.वी. रमन एक ऐसे महान आविष्कारक थे, जो न सिर्फ लाखों भारतीयों के लिए बल्कि दुनिया भर के लोगों के लिए प्रेरणास्रोत हैं। यह किरणें माध्यम के कणों के कंपन एवं घूर्णन की वजह से मूल प्रकाश की किरणों में ऊर्जा में लाभ या हानि के होने से उत्पन्न होती हैं। इतना ही नहीं इसका अनुसंधान की अन्य शाखाओं, औषधि विज्ञान, जीव विज्ञान, भौतिक विज्ञान, खगोल विज्ञान तथा दूरसंचार के क्षेत्र में भी बहुत महत्व है।

सभा को वार्ताकार अनूप मेहता के अलावा कचरू लाल चरपोटा, श्रीमति प्रज्ञा अधिकारी,मयूर पडियार, कपिल वर्मा, हितेष कुमार निनामा, पर्वत सिंह, हरिशंकर, मानसिंह,नारायण लाल ने सम्बोधित किया।

सभा का संचालन श्रीमति प्रज्ञा अधिकारी ने किया जबकि आभार प्रदर्शन पर्वत सिंह ने ज्ञापित किया।

स्मार्ट हलचल न्यूज़ पेपर  01 अगस्त  2024, Smart Halchal News Paper 01 August 
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