प्रकृति की गोद में बसा रमणीय पीरसंज्यानाथ गौशाला
नारायणपुर ।स्मार्ट हलचल/उपखण्ड के प्राचीन अवशिष्ट अरावली पर्वतमाला की तलहटी में बसा बाबा पीरसंज्यानाथजी महाराज की तपोस्थली धामेंडा धाम ध्यान योग व पक्षियों के कलरव का आकर्षण केंद्र है। जहां पर महंत पीर शिवनाथ महाराज ने सन 2013 में गौमाता एवं नंदी के संरक्षण हेतु पीरसंज्यानाथ महाराज गौशाला समिति का निर्माण करके गौवंशो को सुविधा उपलब्ध करवाने के लिए मुहिम चालू की गई थी। आज वर्तमान समय में 850 से अधिक नंदी एवं गौमाताओं का सुचारू रूप से भरण पोषण हो रहा है। अरावली पर्वतमाला की चोटी पर एवं तलहटी में स्थित यह पहली गौशाला है। जहां पर भामाशाहों के सहयोग से टीनसेड का निर्माण करके संपूर्ण समुचित व्यवस्था की गई है तथा पानी की भी उत्तम व्यवस्था, पानी की टंकियां एवं कुंडे बनाए गए हैं।
ध्यान योग, पक्षियों के कलरव का केंद्र, पर्यावरण संरक्षण, ऑक्सीजन बैक टू होम
धामेड़ा धाम अरावली की प्राकृतिक वादियों में स्थित होने के साथ-साथ यहां पहाड़ी भूमि एवं उबड खाबड भूमि है। जहां पर विभिन्न जंगली पौधों की भरमार तो है ही लेकिन साथ में पर्यावरण प्रेमियों ने एक नया बीड़ा उठाया है। इस क्षेत्र को हरा भरा और खुशहाल बनाने के लिए तथा ऑक्सीजन बैक टू होम के सपने को साकार करने के लिए महंत विवेकनाथ महाराज के सानिध्य में श्रीकृष्णा शिक्षा एवं ग्रामीण विकास समिति सचिव सुनील कुमार शर्मा के नेतृत्व में पर्यावरण बचाओ पेड़ पौधे लगाओ अभियान के तहत जन सहयोग एवं पर्यावरण प्रेमियों के सहयोग से सीड़बोल तैयार करके, बीजारोपण करके तथा बरगद, पीपल, गूलर, बीलपत्र, शीशम, जामून सहित विभिन्न छायादार एवं फलदार पौधे लगाकर निरंतर देखरेख एवं संरक्षण किया जा रहा है। आगामी समय में यह क्षेत्र निश्चित रूप से हरा-भरा एवं खुशहाल होने के कगार पर पहुंच चुका है। इस क्षेत्र में पालतू एवं वन्य प्राणी स्वतंत्र रूप से विचरण करते हैं तथा विभिन्न प्रजातियों के हजारों पक्षी दाना चुगने के लिए आते हैं। पक्षियों का कलरव मन को मोहने वाला एवं आनंद की अनुभूति करता है। यहां बड़े बुजुर्ग, युवा वर्ग भ्रमण करने के लिए आते हैं। प्रकृति के बीच शांत वातावरण, शुद्ध ऑक्सीजन के भंडार होने से यह ध्यान योग का प्रमुख केंद्र है।