बानसूर। स्मार्ट हलचल/क्षेत्र में कालका माता मंदिर कस्बे सहित आसपास के क्षेत्र के लोगों का आस्था का केंद्र है। वर्षों पुराने इस मंदिर से क्षेत्र के लोगों की गहरी आस्था जुड़ी हुई है। कस्बे के लोग आज भी नया कुछ करने से पहले कालका माता के दर पर जाकर श्रद्धापूर्वक धोक लगाते हैं और अपने कार्य की शुरुआत करते हैं। लोगों की मान्यता है कि मन से मांगी गई हर मनोकामना कालका माता पूरी करती हैं। माता के मंदिर में चैत्र और शारदीय नवरात्रि में मेला लगता है, मंदिर में नवरात्रों के पहले ही दिन श्रद्धालुओं की भारी भीड़ देखने को मिली। नवरात्रों के दौरान मंदिर में विशेष रोशनी और सजावट की गई, माता का विशेष श्रृंगार किया गया। नौ दिनों तक माता के मंदिर में श्रद्धालुओं की भारी भीड़ उमड़ती है, और दुर्गाष्टमी के दिन माता का लक्खी मेला भरता है। अष्टमी के दिन घरों में माता की ज्योत देखकर श्रद्धालु अपना व्रत खोलते हैं। नवरात्रि के अवसर पर मंदिर में जात जडूले भी उतारे जाते हैं, और दूर-दूर से श्रद्धालु माता मंदिर में आकर भंडारा करते हैं। कालका मंदिर कमेटी और कस्बेवासियों के सहयोग से दो साल पहले मंदिर का जीर्णोद्धार कर इसे नया भव्य स्वरूप दिया गया था। जीर्णोद्धार के बाद श्रद्धालुओं की भीड़ लगातार बनी रहती है। कस्बेवासियों और कमेटी के सहयोग से मंदिर के विकास पर दो करोड़ रुपए एकत्रित किए गए हैं। इसमें मंदिर परिसर का भवन, दीवारों पर नक्काशी, माता का सिंघासन, पानी, बिजली, पार्किंग, और बैठने की व्यवस्था सहित कई कार्य किए गए हैं। कस्बे में किले पर स्थित मनसा माता मंदिर भी क्षेत्र के लोगों की आस्था का केंद्र है। इस मंदिर में भी श्रद्धालुओं के सहयोग से कई विकास कार्य किए गए हैं। नवमी के दिन यहां मेला भरता है, और नवरात्रि के दौरान मंदिर परिसर में विशेष रोशनी सजावट की जाती है। वहीं, ग्राम पंचायत चूला में पहाड़ पर स्थित मांडा सुंदरी माता का मंदिर भी विख्यात है। ग्रामीणों का कहना है कि यह मंदिर 500 से अधिक वर्ष पुराना है। आसपास के कई गांवों के लोग सुंदरी माता को अपनी कुल देवी मानते हैं। नवरात्र के 9 दिनों में इस मंदिर में भक्तों की भीड़ रहती है। गांव हमीरपुर के माता मंदिर भी क्षेत्र के लोगों की आस्था का केंद्र है, जहां नवरात्रि के मौके पर विशेष सजावट की गई है।