सुनील बाजपेई
कानपुर।स्मार्ट हलचल|यहां की कमिश्नरेट पुलिस ने हर तरह के अपराधियों के खिलाफ प्रभावी कार्रवाई ने अब तक सफेदपोशों खासकर पत्रकार रूपी माफियाओं समेत हर तरह अपराध करने वाले अनगिनत लोगों भिजवाने का रिकॉर्ड तोड़ा है। डीजी पद पर प्रोन्नति के बाद अब दिल्ली के लिए तैयार पुलिस कमिश्नर अखिल कुमार की अगुवाई में इस प्रभावी कार्रवाई के दायरे में पत्रकारिता का चोला ओढ़े शातिर माफियाओं समेत बड़ी संख्या में ऐसे भी अपराधी रहे , जिनका कभी पूरे जिले में आतंक था लेकिन अब वह केवल भीख मांगने के अलावा पहले जैसा किसी भी तरह का अपराध भी कदापि नहीं कर सकेंगे ,क्योंकि पुलिस ने उनको इस काबिल रखा ही नहीं है।
यह भी सच है कि इन अपराधी माफियाओं के वास्तविक रूप से पतन की शुरुआत योगी सरकार से हुई। और इसमें भी कानपुर का नंबर तब आया, जब ईश्वर ,अल्लाह और गॉड आदि नामों वाली संसार संचालक शक्ति सत्ता द्वारा कर्तव्य निष्ठा के प्रति परिश्रम पूर्ण ईमानदारी और निडरता के भी पर्याय लोकहित में अपनी धुन के पक्के बेहद तेजतर्रार वरिष्ठ आईपीएस अधिकारी एडीजी अखिल कुमार को कानपुर का पुलिस कमिश्नर बना दिया गया, जिसके बाद उन्होंने जिस तरह से चेहरे बेनकाब करते हुए नेताओं, पत्रकारों और वकीलों के रूप वाले सफेदपोश माफिया अपराधियों को कानून का अभूतपूर्व एतिहासिक पाठ पढ़ाया है। आने वाली पीढ़ियां भी उसे कभी भूल न सकेंगी।
योगी सरकार की मंशा के अनुरूप कानपुर के हित में सर्वोत्तम साबित वरिष्ठ आईपीएस अखिल कुमार की पुलिस कमिश्नर के रूप में नियुक्ति का रहस्य भी आध्यात्मिक दृष्टिकोण के हिसाब से साधारण नहीं असाधारण है क्योंकि आध्यात्मिक पक्ष के मुताबिक संसार संचालक ईश्वर ,अल्लाह और गॉड देश, कालखंड और परिस्थितियों यानी जरूरत के हिसाब से ही मानव शरीर धारी दुष्टों को उनके कर्मों का फल देने के लिए नरेंद्र मोदी ,योगी आदित्यनाथ या फिर अब डीजी बनने के रूप में पुलिस विभाग की सेवा में सर्वोच्च पंक्ति में शामिल हो चुके वरिष्ठ आईपीएस अखिल कुमार जैसों को ही माध्यम बनता है, लेकिन यह सब कुछ समय बद्ध। ना समय से पहले और ना ही समय के बाद। मतलब अच्छे के साथ अच्छा और बुरे यानी अपराधियों के साथ बुरा समय भी अब डीजी पद प्रोन्नत अखिल कुमार जैसों के ही रूप में आता है, जिनका नाम और कर्म के अनुरूप सब कुछ अखिल यानी सम्पूर्ण ही रहा। मसलन जिन सफेद पोश अपराधियों के खिलाफ कभी कुछ नहीं हुआ पत्रकारिता का चोला ओढ़े उन सफेद पोश शातिरों के खिलाफ कार्यवाही में भी अखिल, पीड़ितों के हित में अखिल, कानून व्यवस्था में अखिल, ट्रैफिक व्यवस्था में अखिल और उस सब में भी अखिल यानी (सम्पूर्ण) योगी सरकार की मंशा के अनुरूप जिसकी जरूरत कानपुर को थी। यह भी सच है कि पुलिस कमिश्नर के रूप में बेजोड़ अखिल कुमार की अमूल्यतम और ऐतिहासिक साबित सेवाओं का सौभाग्य कानपुर को अब दोबारा कभी नहीं मिलेगा। इसलिए सौभाग्यशाली हैं, वह सभी लोग ,जिन्हें उनकी कर्तव्य के प्रगाढ़ निष्ठा और ईमानदारी का लाभ मिला।
यह बात अलग है कि किसी भी पद का धारक या फिर किसी भी स्थिति में होने वाला संसार का कोई भी व्यक्ति दूसरों के हित में अपनी अधिकार संपन्नता और सक्षमता का प्रयोग भी एक निश्चित काल अवधि तक ही कर सकता है, क्योंकि एक समय ऐसा भी आता है, जब हम उस पद और स्थित में नहीं रह पाते , जो कभी हमारे लिए परोपकार का माध्यम हुआ करता था। दूसरों की परेशानियों और कष्टों के निवारण के बदले हमारे लिए दुआओं और शुभकामनाओं का माध्यम हुआ करता था। यहां दुवाओं, शुभकामनाओं और प्रार्थनाओं की बात इसलिए क्योंकि बोले गए शब्द कभी नष्ट नहीं होते। वह संबंधित के जीवन में समय आने पर अवश्य ही फलित होते हैं। वैसे भी संसार में किसी के भी कुछ भी होने, करने और बनने का माध्यम भी मौन की दशा नहीं बल्कि लिखने, पढ़ने और बोलने के रूप में ईश्वर की तरह ही अजर ,अमर, अविनाशी अक्षर से शब्द और शब्द से वाक्य ही होते हैं, जो कि संबोधनों, आदेशों और निर्देशों के रूप में लोक व्यवस्था का संचालन समय के अनुरूप ही करते हैं ,और इसी क्रम में अगर यहां डीजी बन चुके लोकहित के मामले में हर दृष्टिकोण से सराहनीय ,अनुकरणीय और बेजोड डीजी अखिल कुमार के ऐतिहासिक उपलब्धियों वाले कालखंड की बात करें तो यह सब कुछ परिस्थितियों के अनुरूप प्रकृति द्वारा नियंत्रित समय की मांग का ही परिणाम है। वरिष्ठ आईपीएस अखिल कुमार के रूप में जिसका सौभाग्य कानपुर को भी प्राप्त हुआ।