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निंबाहेड़ा में भक्ति की बयार: 33वें जन्मोत्सव पर ‘एक शाम गुरुदेव के नाम’ में उमड़ा आस्था का सैलाब, संतों के सानिध्य में निहाल हुए भक्त

निंबाहेड़ा में भक्ति की बयार: 33वें जन्मोत्सव पर ‘एक शाम गुरुदेव के नाम’ में उमड़ा आस्था का सैलाब, संतों के सानिध्य में निहाल हुए भक्त

निंबाहेड़ा,स्मार्ट हलचल।नगर के सोनी (माहेश्वरी) परिवार द्वारा आयोजित संत श्री दिग्विजय रामजी महाराज के 33वें जन्मोत्सव समारोह ने निंबाहेड़ा की धरा को भक्तिरस से सराबोर कर दिया। ‘एक शाम गुरुदेव के नाम’ कार्यक्रम के तहत आयोजित भव्य धार्मिक अनुष्ठानों और भजन संध्या ने समूचे नगर के वातावरण को दिव्यता और सनातन संस्कृति की ऊर्जा से आलोकित कर दिया।

साकरिया ब्रिज से भव्य नगर प्रवेश

संत श्री दिग्विजय रामजी महाराज के नगर आगमन पर आस्था का अद्भुत नजारा देखने को मिला। साकरिया ब्रिज पर पलक पांवड़े बिछाए खड़े श्रद्धालुओं ने ढोल-नगाड़ों, शंखनाद और पुष्पवर्षा के साथ संत श्री का आत्मीय स्वागत किया। यहां से एक विशाल शोभायात्रा प्रारंभ हुई, जिसमें गूंजते जयकारों ने वातावरण को धर्ममय बना दिया।

प्रताप प्रतिमा का दुग्धाभिषेक और देव दर्शन

शोभायात्रा के दौरान उपखंड कार्यालय के समीप संत श्री ने वीर शिरोमणि महाराणा प्रताप की प्रतिमा पर दुग्धाभिषेक कर राष्ट्रभक्ति का संदेश दिया। इसके पश्चात कल्याण चौक स्थित ठाकुर जी मंदिर में चतुर्भुज स्वरूप और कल्लाजी मंदिर में शेषावतार के दर्शन कर देश-प्रदेश की खुशहाली की कामना की।

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संत समागम से सुशोभित हुआ मंच

जन्मोत्सव की गरिमा बढ़ाने के लिए संत समाज की विशेष उपस्थिति रही। मंच पर संत श्री दिग्विजय रामजी महाराज के सानिध्य में हमीरगढ़ से महंत सागर दास जीमहंत रामदास जी, मूंगाना से महंत अर्जुनदास जीमहंत रामपाल दास जी, दादू पीठ संप्रदाय से महंत रामजुलन दास जी तथा निंबाहेड़ा से महंत माणक दास जी विराजमान रहे। संतों के इस दिव्य समागम ने कार्यक्रम को आध्यात्मिक ऊंचाई प्रदान की।

सुरों से सजी श्याम वंदना और गंगा आरती

सेलिब्रेशन ग्रीन में आयोजित खाटूश्याम भजन संध्या (3 दिसंबर) में सुप्रसिद्ध भजन गायिका सुश्री तृप्ति लड़ा और अनुराग ठाकुर ने अपने सुरों का जादू बिखेरा। उनकी भक्तिमय प्रस्तुतियों पर देर रात तक श्रद्धालु झूमते रहे।
संध्या के समय संत श्री के सानिध्य में भव्य गंगा आरती का आयोजन हुआ, जिसने काशी के घाटों सा दृश्य उपस्थित कर दिया। विशेष आकर्षण के रूप में श्याम दरबार में 40 किलो मिश्री-मावा का विशेष भोग अर्पित किया गया।

जीवन जीने की कला है सनातन: संत श्री

अपने मंगल आशीर्वचन में संत श्री दिग्विजय रामजी महाराज ने भक्तों को संबोधित करते हुए कहा कि सनातन संस्कृति ही मानव कल्याण का मार्ग प्रशस्त करती है। उन्होंने गुरु-भक्ति, सदाचार और सेवा भाव को जीवन में उतारने का आह्वान किया।

इस भव्य आयोजन में उमड़ी भीड़ और श्रद्धालुओं का उत्साह इस बात का प्रमाण था कि ‘एक शाम गुरुदेव के नाम’ केवल एक कार्यक्रम नहीं, बल्कि आस्था का महाकुंभ बन गया।

स्मार्ट हलचल न्यूज़ पेपर 31 जनवरी 2025, Smart Halchal News Paper 31 January 2025
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