नगर निगम के वार्ड संख्या 15 में सरकारी संपत्ति का दुरुपयोग, 250 कट्टे सीमेंट भरने से सुविधाओं पर लगा ताला
भीलवाड़ा। शहर में एक ओर प्रशासन अतिक्रमण हटाओ अभियान चलाकर वाहवाही लूट रहा है, वहीं दूसरी ओर नगर निगम की नाक के नीचे सरकारी संपत्तियों का ही गला घोंटा जा रहा है। ताजा मामला वार्ड नंबर 15 का है, जहां महिलाओं की सुविधा के लिए बना ‘महिला स्नानघर’ वर्तमान में एक निजी गोदाम की तरह इस्तेमाल किया जा रहा है। इस चालू कंडीशन वाले स्नानघर में लगभग 250 कट्टे सीमेंट भरकर इसे पूरी तरह अवरुद्ध कर दिया गया है।
शिकायत के बाद भी अधिकारी मौन
भाजपा कार्यकर्ता प्रेमसिंह बालेछा ने बताया कि इस संबंध में नगर निगम आयुक्त, स्थानीय पार्षद नैना किशन व्यास और अन्य संबंधित अधिकारियों को लिखित एवं मौखिक रूप से सूचित किया जा चुका है। राजस्थान संपर्क पोर्टल पर भी शिकायत दर्ज करवाई गई है, लेकिन दो दिन बीत जाने के बाद भी स्थिति जस की तस बनी हुई है। बालेछा ने रोष जताते हुए कहा कि प्रशासन को शहर के अन्य अतिक्रमण तो दिख रहे हैं, लेकिन वार्ड 15 में सार्वजनिक सुविधा पर हुआ यह ‘सरकारी’ अतिक्रमण दिखाई नहीं दे रहा।
बड़ा सवाल: अनहोनी हुई तो जिम्मेदार कौन?
वार्डवासियों का कहना है कि यह स्नानघर महिलाओं के लिए बेहद उपयोगी है। इसमें इतनी भारी मात्रा में सीमेंट भरकर इसे कब्जे में लेना न केवल अनैतिक है बल्कि सुरक्षा की दृष्टि से भी खतरनाक है। बालेछा ने सवाल उठाया कि “अगर वार्ड में कल को कोई अनहोनी हो जाती है, तो क्या प्रशासन तुरंत इन 250 कट्टों को हटा पाएगा? महिलाओं को मिलने वाली इस मूलभूत सुविधा को क्यों छीना जा रहा है?”
“हमने आयुक्त और पार्षद महोदय को अवगत करा दिया है। राजस्थान पोर्टल पर भी शिकायत की है, लेकिन सुनवाई नहीं हो रही। जब तक स्नानघर खाली नहीं होता और इसे दोबारा महिलाओं के लिए चालू नहीं किया जाता, हमारा विरोध जारी रहेगा।”
— प्रेमसिंह बालेछा, भाजपा कार्यकर्ता, वार्ड 15


