नीतीश कुमार के रविवार को बिहार के मुख्यमंत्री पद से इस्तीफा देने के बाद कांग्रेस ने उनकी तुलना ‘‘गिरगिट’’ से की और कहा कि राज्य के लोग इस ‘‘विश्वासघात’’ के लिए उन्हें कभी माफ नहीं करेंगे। बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने राज्यपाल राजेन्द्र वी आर्लेकर को रविवार सुबह अपना इस्तीफा सौंप दिया। वह राज्य में ‘महागठबंधन’ से अलग हो गए। कुमार के इस कदम से ‘इंडियन नेशनल डेवलपमेंटल इन्क्लूसिव अलायंस’ (इंडिया) को भी बड़ा झटका लगा है।
रमेश ने सोशल मीडिया मंच ‘एक्स’ पर लिखा, ‘‘बार-बार राजनीतिक साझेदार बदलने वाले नीतीश कुमार रंग बदलने में गिरगिटों को कड़ी टक्कर दे रहे हैं।’’ उन्होंने कहा कि बिहार की जनता ‘‘विश्वासघात महारथी’’ और उन्हें इशारों पर नचाने वालों को माफ नहीं करेगी।
नीतीश कुमार के पिछले कई दिनों से पाला बदलने की खबरें सामने आ रही थीं. सबसे पहला संकेत नीतीश ने खुद ही दिया था. 23 जनवरी को बिहार में जननायक कर्पूरी ठाकुर की जन्मजयंती पर उन्होंने परिवारवाद को लेकर कहा कि कुछ दलों ने अपने परिवार के सदस्यों को आगे किया, लेकिन कर्पूरी जी ने ऐसा नहीं किया. हमने कर्पूरी जी के बेटे को राज्यसभा भेजा. नीतीश का इशारा कहीं न कहीं आरजेडी की तरफ था, जिसके सुप्रीमो लालू प्रसाद यादव हैं और उनके बेटे तेजस्वी यादव डिप्टी सीएम हैं.