Homeअंतरराष्ट्रीयअमेरिका में पहली बार एक दोषी को नाइट्रोजन सुंघाकर दी मौत?

अमेरिका में पहली बार एक दोषी को नाइट्रोजन सुंघाकर दी मौत?

अमेरिका में पहली बार एक दोषी को नाइट्रोजन सुंघाकर दी मौत?Nitrogen death to the guilty

अलबामा ने हत्या के एक मामले के दोषी को अपनी तरह का पहला तरीका अपनाते हुए नाइट्रोजन गैस सुंघाकर मृत्युदंड दिया जिसकी चर्चा पूरी दुनिया में हो रही है. इसी के साथ अमेरिका में मृत्युदंड को लेकर बहस फिर से छिड़ गई है. राज्य प्रशासन का कहना है कि यह नया तरीका मानवीय है लेकिन आलोचकों ने इसे क्रूर और प्रयोगात्मक बताया है. अधिकारियों ने बताया कि 58 वर्षीय केनेथ यूजीन स्मिथ को एक ‘फेस मास्क’ के जरिए गुरुवार को नाइट्रोजन गैस सुंघाई गई, जिसके कारण शरीर में ऑक्सीजन की कमी से उसकी मौत हुई. स्मिथ को अलमाबा जेल में रात आठ बजकर 25 मिनट पर मृत घोषित कर दिया गया.

अमेरिका में नाइट्रोजन सुंघाकर मौत की सजा देने का यह पहला मामला है. राज्य ने एक व्यक्ति से सुपारी लेकर उसकी पत्नी की हत्या करने के 1988 के मामले में दोषी स्मिथ को 2022 में भी मृत्युदंड देने की कोशिश की थी लेकिन उस समय किसी तकनीकी समस्या के कारण इसे अंत समय पर रोक दिया गया था. नए तरीके से सजा दिए जाने के खिलाफ कानूनी लड़ाई हार जाने के बाद स्मिथ को नाइट्रोजन सुंघाकर मृत्युदंड दिया गया.

स्मिथ के वकीलों ने दावा किया था कि राज्य सजा के ऐसे तरीके का प्रयोग करने के लिए उसे परीक्षण वस्तु की तरह इस्तेमाल कर रहा है जो दंड देने के क्रूर एवं असामान्य तरीके पर संवैधानिक प्रतिबंध का उल्लंघन कर सकता था. अमेरिकी सुप्रीम कोर्ट ने गुरुवार रात स्मिथ की इस याचिका को खारिज कर दिया.

इस बार नया प्रयोग

इस बार मौत की सजा के लिए नया प्रयोग किया गया। यह सजा गुरुवार (25 जनवरी 2024) को शाम 7:53 बजे दी गई और इसके बाद 8:25 बजे स्मिथ को आधिकारिक रूप से मृत घोषित कर दिया गया।

सामने आई जानकारी के मुताबिक, केनेथ यूजीन स्मिथ को एक फेस मास्क के जरिए नाइट्रोजन गैस सुंघाई गई। इसके बाद उसके शरीर में ऑक्सीजन की कमी होना शुरू हो गई। हालाँकि प्रक्रिया शुरू होने के कई मिनटों तक स्मिथ सचेत रहा। लेकिन कुछ समय बाद ऑक्सीजन की कमी के चलते उसकी मौत हो गई। इस सजा की गवाही के रूप में वहाँ लगभग 5 पत्रकारों की मौजूदगी की भी बात सामने आई है। उनके अनुसार, पूरी प्रक्रिया देख वह भी दंग रहे।

अदालत में की गई थी प्रयोग को रोकने की अपील

यह भी सामने आया है कि संयुक्त राष्ट्र के कुछ मानवाधिकार विशेषज्ञों ने और स्मिथ के वकील ने इस तरह की मौत की सजा रोकने की माँग करते हुए सुप्रीम कोर्ट में एक याचिका दायर की थी। उनका तर्क था कि राज्य की ओर से इस सजा के लिए जिस तरीके का इस्तेमाल किया जा रहा है वह उसे किसी टेस्टिंग ऑब्जेक्ट की तरह प्रयोग कर रहे हैं। यह दंड देने का क्रूर तरीका तो है ही, साथ ही साथ यह इस संबंध में तय संवैधानिक प्रतिबंधों का भी उल्लंघन हो सकता है। लेकिन सुप्रीम कोर्ट ने उनकी इस अपील को खारिच कर दिया।

स्मार्ट हलचल न्यूज़ पेपर  01 अगस्त  2024, Smart Halchal News Paper 01 August 
स्मार्ट हलचल न्यूज़ पेपर  01 अगस्त  2024, Smart Halchal News Paper 01 August 
logo
AD dharti Putra
RELATED ARTICLES