पुनित चपलोत
भीलवाड़ा । चिकित्सा एवं स्वास्थ्य विभाग में वर्षों से संविदा, निविदा और अल्पवेतन पर कार्यरत नर्सिंग एवं पेरा मेडिकल कार्मिकों ने नियमित भर्ती की मांग को लेकर अपनी आवाज बुलंद की है। बुधवार को कलेक्ट्रेट कार्यालय पर प्रदर्शन कर जिला कलेक्टर को ज्ञापन सौंपा। संविदा कार्मिकों का कहना है कि वे एनएचएम, एनआरएचएम, संविदा, निविदा, यूटीबी, प्लेसमेंट एजेंसी, पीपीपी मोड, एमआरएस, एनजीओ, 108, 104 ममता, एमएमयू, एमएमवी और जनता क्लिनिक जैसी विभिन्न सरकारी स्वास्थ्य योजनाओं में कई वर्षों से सेवाएं दे रहे हैं। लंबे समय से सेवा देने के बावजूद वे आज भी अस्थायी स्थिति में कार्य कर रहे हैं और उम्र के अंतिम पड़ाव की ओर पहुंच रहे हैं। कार्मिकों ने मांग की है कि वर्ष 2018 और 2023 की भर्ती प्रक्रिया की तर्ज पर तथा चिकित्सा नियम 1965 के अंतर्गत नर्सिंग ऑफिसर के 12 हजार और एएनएम के 7 हजार पदों पर मेरिट के साथ 10, 20 और 30 बोनस अंकों के आधार पर भर्ती प्रक्रिया शुरू की जाए। इससे पिछले 8 से 10 वर्षों से कार्यरत संविदा नर्सिंग कार्मिकों को नियमित होने का अवसर मिलेगा और सरकार द्वारा किए गए नियमितीकरण के वादे भी पूरे हो सकेंगे। संविदा कर्मचारियों ने यह भी बताया कि वर्तमान में वे अत्यंत अल्प वेतन पर कार्य कर रहे हैं, जिससे उन्हें मानसिक, आर्थिक और सामाजिक परेशानियों का सामना करना पड़ रहा है। उन्होंने भर्ती प्रक्रिया में प्राथमिकता और परिलाभ देने की मांग करते हुए कहा कि लंबे समय से सेवा दे रहे कार्मिकों के हितों और अधिकारों की रक्षा की जानी चाहिए। संविदा नर्सिंग एवं स्वास्थ्य कार्मिकों ने राज्य सरकार से आग्रह किया है कि आगामी नई नियमित भर्ती प्रक्रिया का विज्ञापन पूर्व की भांति मेरिट और 10, 20, 30 बोनस अंकों के आधार पर शीघ्र जारी किया जाए, ताकि हजारों कर्मचारियों के भविष्य को सुरक्षित किया जा सके।


