रणवीर सिंह चौहान
स्मार्ट हलचल/ भवानी मंडी|आज रविवार को आई०एम०ए० भवानीमंडी के बैनर तले थानाधिकारी पुलिस थाना भवानीमंडी, को विगत दिनों डॉ० एम० एल० आहूजा वरिष्ठ साथी चिकित्सक के आवास पर हुई चोरी की घटना में 21 दिन बीत जाने के पश्चात भी कोई सुराग नहीं मिलने से व्यथित होकर एक ज्ञापन दिया. ज्ञापन में पुलिस से चोरी की घटना का सुराग लगाकर चोरों को गिरफ्तार कर चोरी हुई ज्वेलरी बरामद करने की मांग की. आई एम ए की अध्यक्ष डॉक्टर अनीता दयाल एवं सचिव डॉक्टर नरेश अग्रवाल ने बताया कि ज्ञापन में भवानीमण्डी शहर के वरिष्ठतम गणमान्य चिकित्सक डॉ० जे० के० अरोड़ा संरक्षक एवं डॉ० एम०एल० आहूजा, आई० एम० ए० भवानीमंडी के सचिव डॉ० नरेश अग्रवाल, डॉ० नारायण पाटिल, डॉ० राजदीप सिंह छाबड़ा, डॉ० गौरव जैन, डॉ० नीलेश गुप्ता, डॉ० अनिल पाटीदार इत्यादि मौजूद रहे l
ज्ञापन में बताया गया कि विगत दिनों आई.एम.ए. भवानीमंडी के वरिष्ठ सदस्य डॉ. एम. एल. आहूजा अस्थि रोग विशेषज्ञ आहूजा हॉस्पिटल भवानीमंडी के निज-निवास पर हुई लाखों रुपये के गहने एवं नकदी की चोरी की रिपोर्ट उनके द्वारा दिनांक 15 अगस्त 2025 को लिखवाई गयी जिसमें आज दिनांक तक भी जाँच में कुछ नतीजा निकल पाया है l
उपरोक्त चोरी के केस में चिकित्सालय में कार्य करने वाले केवल 15 व्यक्तियों से पूछताछ कर चोरी हुए गहने-नकदी का सुराग पता करने में ही आज दिनांक तक 21 दिन से अधिक समय बीत गया है जिससे भवानीमंडी का समूचा चिकित्सक समुदाय एवं व्यापारियों में बहुत ही हताश एवं आक्रोशित महसूस कर रहा है वैसे तो चिकित्सक समुदाय किसी छोटी-मोटी चोरी/नुकसान के लिए कभी पुलिस-प्रशासन के पास नहीं जाता है परन्तु इस प्रकरण में चोरी हुए गहने- नकदी की कीमत लगभग 25 लाख रुपये से भी ऊपर है साथ ही चोरी की वारदात को अंजाम दिए जाने वाला या इसमें सहायक की भूमिका निभाने वाला व्यक्ति अभी भी चिकित्सालय में ही कार्य कर रहा है जिससे उक्त चोरी जैसी जघन्य वारदात को अंजाम दिए जाने के बावजूद भी उसका यूँ चिकित्सालय में बने रहना हमारे साथी वरिष्ठ नागरिक चिकित्सक दम्पति (जो की अकेले रहते हैं) को भविष्य में और भी किसी प्रकार से बड़ी क्षति पहुचाये जाने का अंदेशा बना हुआ है |
ज्ञापन में थानाधिकारी से अनुरोध किया गया की उक्त वारदात का जल्द से जल्द खुलासा करवाकर गहने -नकदी की बरामदगी करवाए जाने का श्रम करें अन्यथा भवानीमंडी के समूचे चिकित्सक समुदाय को आन्दोलन का रुख अख्तियार करना न पड़ जावे |