दिलखुश मीणा
सावर(अजमेर)@स्मार्ट हलचल|तहसील क्षेत्र के नापाखेड़ा में पिछले 17 वर्षों से चला आ रहा एक अवैध झोलाछाप क्लिनिक आखिरकार सोमवार दोपहर स्वास्थ्य विभाग की कार्रवाई की जद में आ गया। बिना लाइसेंस संचालित इस ‘मौत के क्लिनिक’ को सावर चिकित्सा विभाग की टीम ने सील कर दिया। कार्रवाई उस गंभीर शिकायत के बाद हुई, जिसमें तेज बुखार पर लगाई गई ड्रिप से एक महिला की हालत अचानक बिगड़ गई और उसके पूरे शरीर पर फफोले उभर आए।
चार दिन पहले रैगर मोहल्ला निवासी सीमा देवी को तेज बुखार पर परिजनों ने कस्बे में पाबूजी मंदिर के सामने स्थित प्रवीण बंगाली उर्फ प्रबीर विश्वास के क्लिनिक पर ले जाया गया था। ड्रिप चढ़ाए जाने के कुछ ही मिनटों बाद मरीज की तबीयत बिगड़ने लगी। हाथ के साथ-साथ शरीर के कई हिस्सों पर फफोले पड़ते देख परिजन घबरा गए।
शिकायत पर हरकत में आए बीसीएमओ राजेश गुप्ता टीम सहित मौके पर पहुँचे। नापाखेड़ा पीएचसी के डॉक्टर अर्जुनलाल यादव ने क्लिनिक में पाई गई दवाइयों और उपचार पद्धति को लेकर पूछताछ की, लेकिन कथित ‘डॉक्टर’ कोई संतोषजनक जवाब नहीं दे सका।
जांच में साफ हुआ कि प्रवीण बंगाली पिछले 17 साल से बिना किसी चिकित्सकीय डिग्री, पंजीकरण या लाइसेंस के इलाज कर रहा था। क्लिनिक से बड़ी मात्रा में अवैध, संदिग्ध और स्वास्थ्य के लिए खतरनाक दवाइयाँ भी बरामद हुईं।
बीसीएमओ गुप्ता ने बताया कि क्लिनिक को तत्काल प्रभाव से सील कर दिया गया है और पूरे प्रकरण की रिपोर्ट उच्चाधिकारियों को भेज दी गई है। विभाग ने संकेत दिया है कि क्षेत्र के अन्य झोलाछापों पर भी अब सख्त कार्रवाई की तैयारी है।


