आखिर संकडी पुलिया एवं असुरक्षित पुलिया से रोजाना हजारों वाहनों का आवागमन क्यों हो रहा है
लाखेरी -स्मार्ट हलचल|कस्बे की पापड़ी मेज नदी पुलिया से बुधवार शाम करीब 7 बजे एक कार नदी में गिर गई। प्रत्यक्षदर्शी ने बताया कि अचानक चलती हुई कार पुलिया से नीचे गिर गई , तेज धमाके की आवाज से आसपास के लोग तुरंत नदी पर भागे। प्रशासन को सूचना दी तो प्रशासन के हाथ पांव फूल गए। क्योंकि प्रशासन के पास मौके पर कोई संसाधन उपलब्ध नहीं थे, आनन फानन में नाव लाई गई, और टाॅर्च की रौशनी में रेस्क्यू प्रारंभ किया। लाखेरी पुलिस मौके पर पहुंची और हालात संभाले। तुरंत सिविल डिफेंस की टीम बुलाकर नाव से सर्च अभियान शुरू करवाया। परन्तु कड़ी मशक्कत के बाद भी कोई सफलता नहीं मिली। देर रात करीब 11 बजे बून्दी से एसडीआरएफ टीम मौके पर पहुंची और सर्च अभियान शुरू किया जो तीन चार घंटे तक चला और देर रात्रि करीब 2 बजे कार का पता चला और कार निकाली तब जाकर टीम ने राहत की सांस ली। टीम को करीब तीन चार घंटे की कड़ी मशक्कत के बाद सफलता मिली और टीम ने कार को ढूंढ निकाला, क्रेन की मदद से कार को बाहर निकाला। तब जाकर प्रशासन ने राहत की सांस ली।
सूचना पर उपखंड अधिकारी, पुलिस उपाधीक्षक एवं थानाधिकारी मौके पर पहुंचे, एवं जिला प्रशासन एएसपी उमा शर्मा सहित, जिला प्रशासन मौके पर पहुँचा। एक्सप्रेस वे के भारी वाहनों के दबाव के चलते मेज नदी पुलिया पर अक्सर हादसे की आशंका बनी रहती है। रिडकोर एवं पीडब्ल्यूडी विभाग ने कुछ दिनों पू्र्व पुलिया एवं सडक की मरम्मत का कार्य किया था, जिसमें पुलिया के दोनों ओर ब्रेकर बना दिए जो अंधेरे में दिखते नहीं है, एवं नियमों के विपरीत ब्रेकरो का निर्माण कर दिया, जो हादसे का कारण बन रहा है। कुछ दिनों पूर्व जागरूक लोगों ने संबधित विभाग को ब्रेकर के बारे में अवगत कराया था, परन्तु प्रशासन के तो जूं तक नहीं रेंगी। कार हादसे में हरीश खंडेलवाल निवासी सीसवाली की मौत हो गई। बताया जा रहा है, कि जहां से कार गिरी वहां पर पुलिया पर लगे छोटे खंभे भी नहीं थे, संभवतया कार असंतुलित होकर गिर गई, यदि छोटे खंभे होते तो कार टकराकर रूक सकती थी।
एक्सप्रेस वे के वाहन दे रहे मौत को दावत
कोटा दौसा मेगा हाइवे पर लबान से कुश्तला तक एक्सप्रेस वे के वाहन मौत को दावत दे रहे हैं, परन्तु प्रशासन की अनदेखी के चलते कोई समाधान नहीं निकल पा रहा है। आखिर एक्सप्रेस वे के वाहनों का संचालन मेगा हाइवे पर क्यो किया जा रहा है। मेज नदी पुलिया संकडी एवं सिंगल होने के चलते तथा पुलिया के दोनों ओर कोई सुरक्षा दीवार नहीं होने के कारण यह हादसा हुआ। अगर पुलिया पर सुरक्षा दीवार होती तो कार टकराकर रूक सकती थी। परन्तु रिडकोर एवं पीडब्ल्यूडी प्रशासन की लापरवाही के चलते हादसे हो रहें हैं।
करीब 4 साल बाद वही पुलिया, वहीं लापरवाह प्रशासन
करीब 4 साल पूर्व भी इसी पुलिया ने 24 लोगों की जान ली थी, इसी पुलिया से चलती बस नदी में गिर गई थी, जिसमें 24 लोगों की जान गई थी। परन्तु 4 साल में ना तो इस पुलिया पर सुरक्षा दीवार का निर्माण हुआ और ना ही नई पुलिया बनकर शुरू हुई, वो भी अधूरी पड़ी है। सरकार की कितनी बड़ी लापरवाह है, सरकार प्रशासन को कोई फर्क नहीं पड़ता। जबकि मेगा हाइवे का जब निर्माण हुआ तब इस मेज नदी पुलिया का निर्माण क्यों नहीं किया गया।