कलेक्टर की रात्रि चौपाल में भी उठाया गया था रास्ते का मुद्दा
बानसूर।स्मार्ट हलचल/हर व्यक्ति की इच्छा होती है कि उनके अपनो को अंतिम यात्रा सुखद मिले, लेकिन नांगल भावसिंह में ऐसा नहीं हैं। श्मशान भूमि पर जाने का रास्ता नहीं होने से ग्रामीणों को काफी परेशानियों का सामना करना पड़ता है औंर ग्रामीण खड़ी फसल से शव को मुक्ति धाम तक ले जाने को मजबूर हैं हालत इतने बुरे है कि शमशान भूमि में लकडी डालने व शव को ले जाने के लिए भी परिजनों को कड़ी मशक्कत करनी पड़ती है। वहां शव को सुखद अंतिम यात्रा तक भी नसीब नहीं होती। दरअसल ग्राम पंचायत लोयती के राजस्व ग्राम नांगल भावसिंह में शनिवार को एक युवक की मृत्यु हो गई थी लेकिन शमशान भूमि तक ले जाने के लिए रास्ता नहीं होने के कारण परिजनों को शव बाजरे की खड़ी फसल से ले जाना पड़ा। ग्रामीण अशोक मेघवाल ने बताया कि शमशान भूमि तक रास्ता नहीं होने के कारण ग्रामीणों को काफी परेशानियों का सामना करना पड़ता है। आसपास के खातेदारों ने शमशान भूमि के रास्ते पर अतिक्रमण कर रखा है। हालही में जुलाई माह में ग्राम पंचायत लोयती में हुई जिला कलेक्टर कल्पना अग्रवाल की रात्रि चौपाल में भी नांगल भावसिंह की शमशान भूमि के रास्ते पर अतिक्रमण का मामला उठाया गया था लेकिन अभी तक समस्या जस की तस बनी हुई हैं ग्रामीणों ने प्रशासन से जल्द ही रास्ता खुलवाकर समस्या का समाधान करने की मांग करी है तो वही ग्राम पंचायत सरपंच प्रतिनिधि अमर सिंह बुरा ने कहा कि शमशान भूमि की जमीन कटी हुई है लेकिन रास्ता कटा हुआ नहीं है बिच में कृषि भूमि पड़ती है ऐसे में किसानों से समझाइए कर इसका रास्ता खुलवाने का प्रयास किया जाएगा।