भीलवाड़ा-मूलचन्द पेसवानी
धार्मिक पर्यटन व आस्था का प्रमुख केंद्र नौगावां स्थित माधव गोशाला परिसर में अब शिव पंचायत का भव्य मंदिर भक्तों की आस्था का नया प्रतीक बनेगा। सांवलिया सेठ मंदिर के ठीक निकट इस चबूतरानुमा मंदिर का निर्माण अगले कुछ दिनों में प्रारंभ हो जाएगा। इसके लिए 3 नवंबर को सुबह 7 बजे नींव की खुदाई के साथ भूमि पूजन का शुभ मुहूर्त निर्धारित किया गया है। करीब 9.30 बजे पंचामृत व वैदिक मंत्रोच्चार के साथ नींव का पूजन-अभिन्यास संपन्न किया जाएगा।
इस नवनिर्माण की लागत लगभग 21 लाख रुपये आंकी गई है। मंदिर 18×18 फीट साइज के चबूतरानुमा स्वरूप में विकसित किया जाएगा। विशेषता यह होगी कि इसके सभी पिलरों में विश्वप्रसिद्ध जैसलमेर स्टोन लगाया जाएगा, जो अपनी मजबूती और कलात्मकता के लिए जाना जाता है। वहीं मंदिर की फर्श राजसमंद के सफेद मार्बल पत्थर से तैयार की जाएगी, जो इसकी सुंदरता को और निखारेगी।
मंदिर निर्माण का कार्य स्थानीय कारीगरों द्वारा किया जाएगा, ताकि परंपरा और शिल्पकला की मौलिकता को बरकरार रखा जा सके। अनुमान है कि आगामी चार महीनों में मंदिर का कार्य पूर्ण कर शिव पंचायत की विधिवत प्रतिष्ठा कराई जाएगी।
मंदिर में प्रतिष्ठित होने वाली शिव प्रतिमा मध्यप्रदेश के प्रसिद्ध धार्मिक स्थल ओंकारेश्वर से मंगवाई जा रही है। यह प्रतिमा लगभग सवा फीट ऊँची होगी। इसके साथ ही माता पार्वती, भगवान गणेश, कार्तिकेय और नंदी की चारों प्रतिमाएं अष्टधातु से निर्मित होंगी।
सांवलिया मंदिर ट्रस्ट के अध्यक्ष गोविंद सोडानी ने बताया कि उत्तरप्रदेश के मुरादाबाद से तैयार होकर आ चुकी ये प्रतिमाएं 13-13 इंच आकार की हैं, जो वर्तमान में भीलवाड़ा पहुंच चुकी हैं। मंदिर के द्वार के सामने गरुड़ देव की प्रतिमा भी स्थापित की जाएगी, जिससे देवालय का स्वरूप और अधिक भव्य दिखाई देगा।
मंदिर में दैनिक पूजा-अर्चना, विशेष आयोजनों एवं भगवान की पोशाक व पूजा सामग्री को सुरक्षित रखने के लिए 10×12 फीट का एक अलग कक्ष भी निर्माणाधीन योजना में शामिल है। इस कक्ष में धार्मिक वस्तुओं के संरक्षण की आधुनिक व्यवस्था सुनिश्चित की जाएगी।
हाल में ट्रस्ट संरक्षक दामोदर प्रसाद अग्रवाल और अध्यक्ष गोविंद सोडानी की अगुवाई में हुई बैठक में इस प्रस्ताव पर सर्वसम्मति बनी। इस बैठक में समिति के सदस्य कैलाश डाड, हेमंत शर्मा, भंवर लाल दरगढ़ और सुनील नवाल प्रमुख रूप से मौजूद रहे। सभी ने इस धार्मिक प्रकल्प को भक्तों की सुविधा और क्षेत्र के आध्यात्मिक विकास के लिए महत्वपूर्ण बताया।
गोशाला परिसर में आने वाले श्रद्धालु बड़ी संख्या में सांवलिया सेठ के दर्शन को पहुंचते हैं। इसी को ध्यान में रखते हुए भक्तों के विश्राम हेतु मंदिर के समीप 60×50 फीट आकार का विशाल टिनशेड युक्त हॉल तैयार किया जाएगा। इसमें बैठने के लिए कुर्सियाँ और प्राथमिक सुविधाएं उपलब्ध रहेंगी।
सुरक्षा को लेकर भी समित द्वारा विशेष ध्यान दिया जा रहा है। चबूतरानुमा मंदिर के समीप चैकीदार हेतु कमरा भी बनाया जाएगा, ताकि दिन-रात मंदिर परिसर की सुरक्षा सुनिश्चित की जा सके।
स्थानीय लोगों का मानना है कि सांवलिया सेठ मंदिर पहले से ही धार्मिक श्रद्धालुओं और पर्यटकों का बड़ा केंद्र है। अब शिव पंचायत की प्रतिष्ठा के साथ यहां धार्मिक पर्यटन को और गति मिलेगी। शिव परिवार की स्थापना से भक्तों को एक ही परिसर में विष्णु व शिव दोनों परंपराओं के दर्शन का सौभाग्य प्राप्त होगा।
धार्मिक आयोजनों के विशेषज्ञों का कहना है कि भविष्य में यहां महाशिवरात्रि सहित विभिन्न शिव अनुष्ठानों और उत्सवों का भव्य आयोजन संभव हो सकेगा, जिससे आसपास की अर्थव्यवस्था को भी लाभ प्राप्त होगा।
इस पूरे आयोजन को लेकर नौगावां क्षेत्र सहित आसपास के ग्रामीणों में काफी उत्साह है। मंदिर परिसर में भक्तों की सहभागिता और जनसहयोग से इस निर्माण को गति मिलने की उम्मीद है। समिति के कार्यकर्ता भी निर्माण की तैयारियों में सक्रिय हो चुके हैं। उधर मंदिर परिसर व आसपास में विभिन्न तैयारियों को लेकर चहल-पहल बढ़ गई है। भूमि पूजन के शुभ मुहूर्त को लेकर भी श्रद्धालुओं में उत्सुकता बनी हुई है।


