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टैक्सी ड्राइवरों की हत्या कर मगरमच्छों को खिलाता था लाशें,5-7 लाख रुपये में किडनी का सौदा

अलीगढ़. अलीगढ़ के छर्रा थाना क्षेत्र के गांव पुरैनी का निवासी और कुख्यात सीरियल किलर ‘डॉक्टर डेथ’ उर्फ देवेंद्र शर्मा को दिल्ली पुलिस ने राजस्थान के दौसा से गिरफ्तार किया है. 67 वर्षीय देवेंद्र पर 100 से अधिक हत्याओं और 125 से अधिक अवैध किडनी ट्रांसप्लांट के गंभीर आरोप हैं. वह छर्रा थाना में हिस्ट्रीशीटर है और 1994 में बरला थाने में उसके खिलाफ पहला मुकदमा दर्ज हुआ था.

देवेंद्र शर्मा ने 1984 में बिहार से बीएएमएस की डिग्री हासिल की और राजस्थान के बांदीकुई में जनता क्लीनिक खोला. 1994 में एक गैस एजेंसी डीलरशिप सौदे में 11 लाख रुपये की ठगी के बाद उसने अपराध की राह चुनी. उसने फर्जी गैस एजेंसी शुरू की और 1998 से 2004 तक गुरुग्राम के डॉ. अमित के साथ मिलकर अवैध किडनी ट्रांसप्लांट रैकेट चलाया, जिसमें 125 से अधिक किडनियों की तस्करी की. प्रत्येक ट्रांसप्लांट के लिए उसे 5-7 लाख रुपये मिलते थे.

कोर्ट सुना चुका है मृत्युदंड की सजा
‘डॉक्टर डेथ’ के नाम से कुख्यात सीरियल किलर देवेन्द्र शर्मा को दिल्ली, राजस्थान और हरियाणा में सात अलग-अलग मामलों में आजीवन कारावास की सजा सुनाई गई थी और गुड़गांव की एक अदालत ने तो उसे मृत्युदंड की सजा भी सुनाई थी। डिप्टी पुलिस कमिश्नर आदित्य गौतम ने बताया कि देवेंद्र शर्मा 2002 से 2004 के बीच कई टैक्सी और ट्रक चालकों की बेरहमी से हत्या करने के जुर्म में तिहाड़ जेल में आजीवन कारावास की सजा काट रहा था, लेकिन अगस्त 2023 में वह पैरोल पर छूटने के बाद से फरार था।

लंबी है क्राइम हिस्ट्री
गौतम ने बताया कि शर्मा और उसके साथी फर्जी यात्राओं के लिए चालकों को बुलाते थे, उनकी हत्या कर देते थे और फिर उनके वाहनों को ‘ग्रे मार्केट’ में बेच देते थे। इसके बाद शव को हजारा नहर में फेंक दिया जाता था, ताकि कोई सबूत न बचे। शर्मा पर हत्या, अपहरण और लूट के 27 से अधिक मामले दर्ज हैं। 1998 से 2004 के बीच अवैध किडनी ट्रांसप्लांट रैकेट चलाने के लिए वह पहली बार कुख्यात हुआ था। उसने कई राज्यों में काम कर रहे डॉक्टरों और बिचौलियों की मदद से 125 से अधिक अवैध ट्रांसप्लांट की सुविधा देने की बात कबूल की थी।

5-7 लाख रुपये में होता था किडनी का सौदा
पुलिस पूछताछ में आरोपी ने बताया कि उसकी मुलाकात डॉ. अमित से साल 1998 में हुई थी। डॉ. अमित ने दिल्ली, गुरुग्राम और कई अन्य शहरों में अवैध किडनी ट्रांसप्लांट का अड्डा बना रखा था। अमित ने उससे किडनी डोनर लाने को कहा। जब वे एक डोनर के लिए 5 से 7 लाख रुपए देने को तैयार हो गए तो देवेंद्र इसके लिए राजी हो गया। वह बिहार, बंगाल और नेपाल के गरीब लोगों को लालच देकर डॉ. अमित के पास लाता था। इन लोगों ने वर्ष 1998 से 2004 के बीच 125 से अधिक किडनी ट्रांसप्लांट किए। वर्ष 2004 में गुरुग्राम में किडनी रैकेट मामले में देवेंद्र और अमित को गिरफ्तार किया गया था।

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