एम.के.सोलंकी
मंगरोप।दिल्ली से प्रारंभ हुई त्रिजस संस्था की ‘न्याय चक्र’ साइकिल यात्रा मंगलवार प्रातः 10 बजे मंगरोप कस्बे में पहुंची।सामाजिक न्याय और समान कानूनी अधिकारों के संदेश के साथ आगे बढ़ रही इस यात्रा का कस्बे में स्थानीय लोगों ने उत्साहपूर्वक स्वागत किया।इस साइकिल यात्रा में कई साइकिल यात्री शामिल हैं, जिनके साथ उनकी सुरक्षा एवं आवश्यक व्यवस्थाओं के लिए दो चौपहिया सहायक वाहन भी चल रहे हैं। पूरी यात्रा अनुशासन और सामाजिक उद्देश्य के साथ आगे बढ़ रही है।यात्रा में शामिल साइकिल यात्री निखिल पचौरी ने बताया कि न्याय चक्र यात्रा का पहला चरण 29 नवंबर 2025 को दिल्ली से शुरू हुआ है, जो 1 जनवरी 2026 को महाराष्ट्र के वर्धा जिले में स्थित गांधी सेवाग्राम आश्रम में संपन्न होगा। लगभग 1300 किलोमीटर की इस लंबी यात्रा के दौरान साइकिल यात्री एक जिला न्यायालय से दूसरे जिला न्यायालय तक साइकिल से यात्रा कर रहे हैं।उन्होंने बताया कि यात्रा के दौरान रास्ते में पड़ने वाले शहरों,कस्बों और गांवों में आमजन से संवाद स्थापित किया जाएगा। इसके साथ ही आपराधिक न्याय प्रणाली से जुड़े विभिन्न हितधारकों की बातों को सुना जाएगा, उनके अनुभवों को समझा जाएगा और न्याय व्यवस्था में मौजूद कमियों व जरूरतों को चिन्हित किया जाएगा। सामाजिक न्याय के क्षेत्र में कार्य कर रहे संगठनों से भी इस दौरान समन्वय किया जाएगा।निखिल पचौरी के अनुसार,इस यात्रा का प्रमुख उद्देश्य त्रिजस के उस मूल विज़न को पूरे देश में फैलाना है, जिसके तहत हर व्यक्ति—चाहे उसकी आर्थिक या सामाजिक स्थिति कुछ भी हो—को नैतिक, सक्षम और सुलभ कानूनी प्रतिनिधित्व मिलना चाहिए। इसी उद्देश्य से देशभर में जनहित में कार्य करने वाले अधिवक्ताओं का एक सशक्त नेटवर्क तैयार किया जा रहा है, जिसमें नए और अनुभवी दोनों स्तर के वकील शामिल होंगे।मंगरोप में न्याय चक्र यात्रा के आगमन को लोगों ने समाज में न्याय के प्रति जागरूकता बढ़ाने वाला सकारात्मक प्रयास बताया। यह साइकिल यात्रा सामाजिक समानता, संवेदनशील न्याय व्यवस्था और आमजन के अधिकारों को मजबूत करने की दिशा में एक महत्वपूर्ण पहल मानी जा रही है।


