मुकेश खटीक
मंगरोप।हमीरगढ़ उपखण्ड क्षेत्र ओज्याडा गांव में एक दलित युवक के साथ जातिगत भेदभाव एवं अपमानजनक व्यवहार किए जाने का मामला सामने आया है।इस संबंध में पीड़ित युवक ने हमीरगढ़ थाने में लिखित रिपोर्ट प्रस्तुत कर अनुसूचित जाति एवं अनुसूचित जनजाति(अत्याचार निवारण)अधिनियम के तहत मुकदमा दर्ज करने की मांग की है।प्राप्त जानकारी के अनुसार ओज्याडा निवासी युवराज(25)पुत्र देवीलाल रेगर ने पुलिस को दी रिपोर्ट में बताया कि वह सोमवार सुबह लगभग 10 बजे ओज्याडा बाजार गया था।भूख और प्यास लगने पर वह बाजार में स्थित सीताराम(55)पुत्र उदा अहिर की चाय की दुकान पर पानी पीने के लिए गया।रिपोर्ट के अनुसार जैसे ही उसने दुकान पर रखे मटके से पानी पीने के लिए लोटा उठाया तभी दुकानदार ने लोटा छीन लिया और कथित रूप से जातिसूचक शब्दों का प्रयोग करते हुए युवक को अपमानित किया।पीड़ित का आरोप है कि दुकानदार ने कहा तू अछूत है तू नीची जाति का है तेरी औकात कैसे हुई मेरे मटके को हाथ लगाने की।युवराज का कहना है कि उसने विरोध किया तो दुकानदार ने उसे दुकान से बाहर निकाल दिया और अपशब्द कहे। इस दौरान दुकान पर बैठे अन्य लोग भी दुकानदार के समर्थन में खड़े हो गए और उन्होंने भी जातिसूचक टिप्पणियां कीं।पीड़ित के अनुसार घटना के समय उसका साथी शांतिलाल(24)पुत्र रतनलाल रेगर भी साथ में था,जिसने इस पूरे घटनाक्रम का मोबाइल से वीडियो बनाने की कोशिश की लेकिन वहां मौजूद लोगों ने उन्हें डराकर मोबाइल बंद करवा दिया और दोनों को दुकान से बाहर निकाल दिया।पीड़ित ने आरोप लगाया कि दुकानदार ने धमकी दी आज के बाद मेरी दुकान के बाहर नजर मत आना नहीं तो जान से मार देंगे।जब भी सामने से निकलना तो जूते उतार कर और सिर झुका कर निकलना।युवराज ने रिपोर्ट में लिखा है कि आरोपी यह जानते हुए कि वह अनुसूचित जाति से है।उसे नीचा दिखाने और समाज में अपमानित करने का प्रयास किया।उसने पुलिस से अनुरोध किया है कि मामले की गंभीरता को देखते हुए अनुसूचित जाति एवं जनजाति(अत्याचार निवारण)अधिनियम के तहत मुकदमा दर्ज कर सख्त कार्रवाई की जाए।घटना की सूचना मिलते ही हमीरगढ़ थाना पुलिस ने मामले की जांच प्रारंभ कर दी है।एएसआई नरपत सिंह ने बताया कि मामले की सत्यता की जांच के लिए संबंधित पक्षों के बयान लिए जा रहे हैं तथा प्रमाणों के आधार पर आगे की कार्रवाई की जाएगी।ग्रामीणों का कहना है कि इस तरह की घटनाएं समाज में विभाजन पैदा करती हैं।स्थानीय सामाजिक संगठनों ने प्रशासन से मांग की है कि ऐसे मामलों में त्वरित कार्रवाई हो ताकि भविष्य में कोई भी व्यक्ति जातिगत भेदभाव करने का दुस्साहस न करे।


