कई वाहन पानी के तेज बहाव में सड़क से बहे। अपनी गाड़ियों को बचाने के लिए कई लोगों ने रस्सियों से बांधकर बचाने की लगाई जुगत।
बूंदी: स्मार्ट हलचल|सोमवार को अचानक हुई एक घंटे की मूसलाधार बारिश ने बूंदी शहर के लिए आफत बन गई. पुराने शहर की तंग गलियों और बाजारों में पानी ऐसे उफान पर आया, मानो नदी बह रही हो. महज चंद मिनटों में सड़कें दरिया बन गईं. सदर बाजार, तिलक चौक, मीरा गेट, ठठेरा बाजार जैसे इलाकों में हालात बेकाबू हो गए. तेज बारिश से पहाड़ों से उतरकर आया पानी बाजार की गलियों से होकर दौड़ पड़ा. सदर बाजार में दुकानों के बाहर रखा सामान पानी के साथ बह गया. वहीं, कई वाहन पानी के तेज बहाव में सड़क से खिसकते हुए बहे. लोगों ने अपनी गाड़ियों को बचाने के लिए रस्सियों से बांधने की जुगत लगाई, लेकिन कई जगह उनकी कोशिशें नाकाम साबित हुईं.
गाड़ियों को बचाने में लोग बहते-बहते बचे : बारिश का पानी इतना तेज था कि कई लोग अपनी गाड़ियों को सुरक्षित करने के चक्कर में खुद ही पानी के बहाव में बह गए. गनीमत रही कि आसपास खड़े लोगों ने उन्हें पकड़कर बाहर निकाल लिया, वरना बड़ा हादसा हो सकता था. मीरा गेट और तिलक चौक इलाके में पानी का बहाव इतना प्रचंड था कि लोग घबराकर दुकानों और मकानों की ऊंचाई पर चढ़ गए. सदर बाजार और ठठेरा बाजार की कई दुकानों में पानी घुस गया.सदर बाजार में पानी आधे से ज्यादा दुकानों में घुसने से नुकसान हो गया. कई दुकानदार अपनी दुकान का शटर बंद करके सामान बचाने की कोशिश करते रहे, लेकिन पानी का दबाव इतना अधिक था कि शटर के अंदर भी पानी घुस गया।
बूंदी शहर में हर साल बारिश के दौरान जलभराव की समस्या खड़ी होती है, लेकिन जिम्मेदार विभागों ने अब तक कोई ठोस कदम नहीं उठाया. शहर में नालों की सफाई समय पर नहीं होने और जल निकासी व्यवस्था ध्वस्त होने के कारण हर बार हालात बेकाबू हो जाते हैं. सोमवार की बारिश ने एक बार फिर प्रशासन की तैयारियों की पोल खोल दी.
तेज बारिश और तबाही के बाद प्रशासन ने अलर्ट जरूर जारी किया है, लेकिन राहत इंतजाम नदारद रहे. शहरवासियों का कहना है कि हर साल आफत झेलने के बावजूद कोई स्थायी समाधान नहीं निकाला जा रहा. लोगों ने मांग की है कि जल निकासी की मजबूत व्यवस्था की जाए, ताकि इस तरह के हालात से निजात मिल सके।


