बन्शीलाल धाकड़ राजपुरा
बड़ी सादड़ी:-14, अक्टूबर/स्मार्ट हलचल/निरंकारी सत्संग भवन में साप्ताहिक सत्संग आयोजित हुई। भेरूलाल निरंकारी ने जानकारी देते हुए बताया कि जिसमें निरंकारी मिशन के मीडिया सहायक राधेश्याम रेगर ने साध संगत को संबोधित करते हुए कहा कि अंधेरे को जीतने के लिए केवल रोशनी की जरूरत है, लड़ाई की नहीं! आज संसार में वैर, विरोध, नफरत, इंसानियत का पतन जिस तरह से हो रहा है उसका मूल कारण सिर्फ अज्ञानता ही है जो अंदरूनी ‘सुकून’ की चर्चा की गई है यह कोई किताबें पढ़ के किसी स्कूल कॉलेज से डिग्रियां प्राप्त करके नहीं की बल्कि अपने आप में सुकून प्राप्त करके अपनी गवाही दे रहे हैं जब गुरुसिख स्वयं ब्रह्म ज्ञान की प्राप्ति करके निहाल होता है उसको फिर किसी किताब के फरमानों की जरूरत नहीं रहती बल्कि उसका अपना जीवन सभी के लिए प्रमाण और मार्गदर्शन बन जाता है आपने कहा कि ब्रह्म विद्या ही सबसे सरल है परंतु इस पर अमल करना बहुत कठिन है जो इस विशाल निरंकार- प्रभु के साथ इकमिक हो जाते हैं उनके हृदय भी विशाल हो जाते हैं वह पूरे विश्व को अपना मान लेते हैं! महात्मा भेरूलाल निरंकारी ने 77 वां निरंकारी संत समागम 16, 17, 18, नवंबर को समालखा (हरियाणा) में आयोजित होने वाले समागम की खुशी जाहिर करते हुए कहा कि सभी श्रद्धालुओं को समागम में पहुंचकर निरंकारी सद्गुरु माता सुदीक्षा जी महाराज के आशीष वचनों को सुनकर हम अपने जीवन को धन्य बनाए! सत्संग में अनेक श्रद्धालु महात्माओं ने भाग लिया! संचालन महावीर जटिया ने किया!