समर्थ कुमार सक्सेना
लखनऊ। स्मार्ट हलचल|उत्तर प्रदेश की राजधानी लखनऊ के कृष्णा नगर, हनीमून चौराहे के पास बघा मऊ गोमती नगर तथा संकल्प वाटिका अशोक मार्ग पर अवैध रूप से शराब बिक्री का कारोबार धड़ल्ले से जारी है। यह गंभीर मामला तब और चिंताजनक बन जाता है जब यह स्पष्ट रूप से देखा गया कि क्षेत्र में स्थापित सरकारी देसी शराब ठेकों से प्रातः10:00 बजे से पहले और रात्रि 10:00 बजे के बाद भी शराब की बिक्री चोरी-छिपे जारी है— जो कि सीधे तौर पर उत्तर प्रदेश आबकारी नियमावली का उल्लंघन है। इससे न केवल अवैध माफियाओं के हौसले बुलंद हो रहे हैं, बल्कि यह भी संदेह उत्पन्न होता है कि कहीं विभागीय मिलीभगत तो नहीं?
नियमों का खुला उल्लंघन
उत्तर प्रदेश आबकारी नियमों के अनुसार शराब की बिक्री केवल निर्धारित समयावधि — प्रातः 10:00 बजे से रात्रि 10:00 बजे तक — के भीतर ही की जा सकती है। लेकिन कई क्षेत्रों में सुबह 6:00 बजे से ही शराब बिक्री शुरू हो जाती है और देर रात तक यह सिलसिला जारी रहता है। हनीमून चौराहे के निकट यह स्थिति विशेष रूप से गंभीर है।
स्थानीय जनता में असंतोष प्रशासन से कार्रवाई की मांग
इन घटनाओं से क्षेत्रीय जनता में आक्रोश व्याप्त है। उनका कहना है कि शराब की अवैध बिक्री से न केवल युवाओं पर बुरा प्रभाव पड़ रहा है बल्कि क्षेत्र में अपराध भी बढ़ते जा रहे हैं। स्थानीय सामाजिक संगठनों और जागरूक नागरिकों ने मांग की है कि आबकारी विभाग के अधिकारियों, विशेषकर निरीक्षकों की भूमिका की निष्पक्ष जांच हो और दोषियों के विरुद्ध कठोर कार्रवाई की जाए।
प्रशासन की निष्क्रियता या मिलीभगत?
इस पूरी स्थिति में विभाग की चुप्पी और निरीक्षकों द्वारा कार्रवाई न करना कई सवाल खड़े करता है। यदि आबकारी विभाग की ओर से शीघ्र प्रभावी कार्रवाई नहीं की गई, तो यह माफिया ताकतवर होकर आगे और बड़े पैमाने पर कानून व्यवस्था को चुनौती दे सकते हैं।
जिला आबकारी अधिकारी मैं कार्रवाई का आश्वासन दिया है।