हिंगोटा ग्राम पंचायत में ही रखने की उठी मांग,जिला कलेक्टर को ज्ञापन सौंपकर जताया असंतोष।
मनोज खंडेलवाल
स्मार्ट हलचल|जिला प्रशासन दौसा द्वारा जारी पंचायती पुनर्गठन आदेश के विरुद्ध ग्राम कुआ का बास के ग्रामीणों में व्यापक रोष और गहरी असंतुष्टि का माहौल देखने को मिला जहां बुधवार को ग्राम हिंगोटा पंचायत के अंतर्गत आने वाले इस गांव के सैकड़ों ग्रामीणों ने समाजसेवी एवं ग्राम पंचायत हिंगोटा के सरपंच प्रतिनिधि प्रभूदयाल मेहरा के नेतृत्व में दौसा जिला कलैक्ट्रेट पहुंचकर जिला कलेक्टर की अनुपस्थिति में जिला कलेक्टर के नाम उप जिला कलेक्टर (एडीएम) रामस्वरूप चौहान को ज्ञापन सौंपते हुए स्पष्ट रूप से मांग की कि ग्राम कुआ का बास को पूर्ववत हिंगोटा पंचायत में ही बनाए रखा जाए ग्रामीणों ने ज्ञापन में उल्लेख किया कि जिला कलक्टर एवं जिला मजिस्ट्रेट दौसा द्वारा जारी आदेश क्रमांक पंचायत/पुनर्गठन/2025/425 दिनांक 6 अप्रैल 2025 के अनुसार ग्राम कुआ का बास को हिंगोटा से हटाकर नवीन गठित ग्राम पंचायत बावड़ीखेड़ा में सम्मिलित किया गया है जो कि न केवल भौगोलिक दृष्टिकोण से अव्यवहारिक है बल्कि प्रशासनिक दृष्टि से भी अत्यंत त्रुटिपूर्ण एवं जनहितविरोधी है ग्रामीणों ने प्रशासन को अवगत कराया कि उनका पटवार हल्का हिंगोटा में ही स्थित है और ग्राम हिंगोटा की दूरी मात्र 500 मीटर है जबकि बावड़ीखेड़ा की दूरी लगभग 4 किलोमीटर है जिससे न केवल आवागमन में कठिनाई होगी बल्कि सरकारी योजनाओं तक पहुंच और मूलभूत सेवाओं की प्राप्ति भी प्रभावित होगी यह निर्णय विशेष रूप से महिलाओं वृद्धजन विद्यार्थियों एवं दिव्यांगजनों के लिए अनेक प्रकार की व्यावहारिक समस्याएं उत्पन्न करेगा
ग्रामवासियों ने यह भी आरोप लगाया कि इस निर्णय से पूर्व किसी भी प्रकार की सूचना संवाद अथवा जनसुनवाई नहीं की गई जिससे यह आदेश पूर्णतः अलोकतांत्रिक और असंवैधानिक बन जाता है ग्रामीणों ने यह स्पष्ट किया कि ग्राम कुआ का बास की सामाजिक सांस्कृतिक एवं प्रशासनिक पहचान ग्राम पंचायत हिंगोटा से दशकों पुरानी रही है और इस अचानक परिवर्तन से उनकी परंपराएं सामाजिक संरचना और सामुदायिक व्यवस्था बुरी तरह प्रभावित होगी यह निर्णय ग्रामीण जनभावनाओं की सीधी अवहेलना है जो प्रशासन की नीति-निर्धारण प्रक्रिया में पारदर्शिता की कमी तथा जनसुनवाई के अभाव को स्पष्ट करता है ग्रामीणों ने एडीएम दौसा रामस्वरूप चौहान के समक्ष यह मांग भी रखी कि उक्त आदेश को तत्काल प्रभाव से निरस्त करते हुए ग्राम कुआ का बास को पूर्व की भांति ग्राम पंचायत हिंगोटा में ही यथावत बनाए रखा जाए जिससे सामाजिक सौहार्द और प्रशासनिक सुविधा दोनों ही कायम रह सकें
वहीं ग्रामीणों ने बताया कि इसी संदर्भ में बुधवार को ही सुबह ग्राम बावड़ीखेड़ा में आयोजित एक कार्यक्रम के दौरान क्षेत्रीय विधायक राजेन्द्र प्रधान को भी प्रतिवेदन सौंपा गया है साथ ही उपखंड अधिकारी मंडावर तथा बैजूपाडा तहसीलदार को ज्ञापन सौंपा जा चुका है तथा यह आंदोलन तब तक जारी रहेगा जब तक कि ग्रामवासियों की मांग पूरी नहीं होती इस अवसर पर गणेश बैरवा वार्ड पंच गंगासहाय ठेकेदार प्रभूदयाल ठेकेदार समाजसेवी किशनलाल रामफूल मनोहरी कैलाश मोहरपाल जगदीश ठेकेदार पूरण पूर्व डायरेक्टर कल्याणसहाय ठेकेदार सुल्तान सिंह रिटायर्ड अध्यापक सहित बड़ी संख्या में ग्रामीणजन उपस्थित रहे।