Homeराजस्थानजयपुरअंगदान और प्रत्यारोपण के क्षेत्र में आगे बढ़ता राजस्थान

अंगदान और प्रत्यारोपण के क्षेत्र में आगे बढ़ता राजस्थान


इस वर्ष का 13 वां अंगदान प्रदेश में पहली बार एयर लिफ्ट कर अंगों का प्रत्यारोपण

झालावाड़ मेडिकल कॉलेज में एक ही व्यक्ति के 8 अंगों का दान

अजय सिंह (चिंटू)

जयपुर/स्मार्ट हलचल/मुख्यमंत्री भजनलाल शर्मा की पहल एवं चिकित्सा मंत्री गजेन्द्र सिंह खींवसर के मार्गदर्शन में प्रदेश में अंगदान एवं प्रत्यारोण को निरंतर प्रोत्साहन मिल रहा है। इसी कड़ी में रविवार को प्रदेश में पहली बार एयर एम्बुलेंस से अंगों को एसएमएस अस्पताल पहुंचाकर सफलतापूर्वक प्रत्यारोपण किया गया। प्रदेश में यह पहला अवसर था जब एक ही ब्रेन डेड व्यक्ति के अधिकतम 8 अंगों का प्रत्यारोपण किया गया। साथ ही, इस लिहाज से भी पहला अवसर रहा जब एक ही व्यक्ति के लंग्स और हृदय का प्रत्यारोपण एक ही रोगी को किया गया। साथ ही, प्रदेश में पहली बार लंग्स का प्रत्यारोपण किया गया।

चिकित्सा शिक्षा सचिव अम्बरीष कुमार एवं चिकित्सा शिक्षा आयुक्त इकबाल खान ने अंगदान की इस प्रक्रिया में विशेष रूप से भूमिका निभाते हुए एयर एम्बुलेंस के लिए आवश्यक प्रक्रिया को पूरा करवाया, जिससे यह अंगदान एवं प्रत्यारोपण सफलतापूर्वक सम्पन्न हो सका। चिकित्सा शिक्षा सचिव ने बताया कि विभाग अंगदान के लिए विभिन्न एनजीओ के माध्यम से विशेष अभियान चलाकर लोगों को अंगदान के लिए प्रोत्साहित करेगा।

उल्लेखनीय है कि 33 वर्षीय विष्णु प्रसाद को गम्भीर रूप से घायल हो जाने पर 11 दिसंबर, 2024 को झालावाड़ मेडिकल कॉलेज में भर्ती करवाया गया था। चिकित्सकों के अथक प्रयासों के बावजूद विष्णु को बचा पाना सम्भव नहीं हो पाया। विष्णु को ब्रेन डेड घोषित कर दिया गया। ब्रेन डेड घोषित हो जाने के बाद विष्णु के परिवारजन को अंगदान के बारे में प्रेरित किया गया। परिवार विष्णु के अंगों (दोनों किडनियां, लिवर, हार्ट, लंग्स व दोनों कॉर्निया) को दान करने के लिए सहमत हो गया। इसमें नोडल अधिकारी डॉ. रामसेवक ने अहम भूमिका निभाई।

इसके बाद सवाई मानसिंह चिकित्सालय जयपुर में एक किडनी, हार्ट व लंग्स का आवंटन किया गया। पहली बार हेलीकॉटर की सहायता से अंगों को झालावाड़ से सवाई मानसिंह चिकित्सालय जयपुर में प्रत्यारोपण के लिए लाया गया। एक किडनी व लिवर का प्रत्यारोपण एम्स जोधपुर में किया गया, एम्स जोधपुर में भी अंगों को झालावाड़ से जोधपुर हवाई जहाज के माध्यम से ले जाया गया। डॉ. मनीष अग्रवाल ने एसएमएस हॉस्पिटल में समन्वय के रूप में कार्य किया तथा एम्स में डॉ. शिवचरण नवारिया की विशेष भूमिका रही।

इनका रहा विशेष योगदान
सम्पूर्ण प्रक्रिया में एसएमएस मेडिकल कॉलेज के प्रधानाचार्य डॉ दीपक माहेश्वरी एवं समुचित प्राधिकारी डॉ. रश्मि गुप्ता तथा एसएमएस में न्यूरोसर्जरी विभाग के डॉ. मनीष अग्रवाल, का विशेष योगदान रहा। अंगों का आवंटन स्टेट ऑर्गन एंड टिश्यू ट्रांसप्लांट आर्गेनाइजेशन (सोटो) राजस्थान के माध्यम और समन्वय से किया गया, जिसमें सोटो पदाधिकारी डॉ. मृणाल, डॉ. अजीत, डॉ. धर्मेश एवं रोशन की अहम भूमिका रही। इस कार्य में नोटो के निदेशक डॉ. अनिल कुमार का भी महत्वपूर्ण योगदान रहा। अंगों को लाने के लिए यूरोलॉजी विभाग सवाई मनसिंह चिकित्सालय जयपुर से डॉ. धर्मेंद्र कुमार जांगिड़ व ट्रांसप्लांट कोऑर्डिनेटर लिलम सिंह मीणा, ह्रदय प्रत्यारोपण विभाग से डॉ. राजकुमार यादव, वरिष्ठ आचार्य, सीनियर रेजिडेंट मौलिक शर्मा, नर्सिंग ऑफिसर राकेश आचार्य, परफ्यूजनिस्ट पुलकित आचार्य, ट्रांसप्लांट कॉर्डिनेटर रामरतन खनगवाल एवं वार्ड बॉय अजहरुद्दीन शामिल रहे।

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