अंगदान का संदेश देने के लिए 1500 किमी की पैदल दौड़ लगा रहा रेवाड़ी का साइकिलिस्ट महेश कुमार।
दिल्ली से मुंबई दौड़ के दौरान चित्तौड़गढ़ पहुंचने पर टीम एटीबीएफ और लॉयंस क्लब ने स्वागत किया।
चित्तौड़गढ़।स्मार्ट हलचल/अंगदान के लिए जागरूकता का संदेश लेकर हरियाणा के साइकिलिस्ट महेश कुमार दिल्ली से मुंबई तक 1500 किलोमीटर पैदल दौड़ कर रहे हैं। चित्तौड़गढ़ कलक्ट्रेट चौराहा स्थित नेकी की दीवार पर टीम एटीबीएफ और रेलवे स्टेशन स्थित होटल श्रीजी के पास रोटरी क्लब ने महेश कुमार का स्वागत किया। अंगदान के लिए आमजन को जागरूक करने और सैनिकों के सम्मान के लिए दिल्ली के इंडिया गेट से मुंबई के गेटवे ऑफ इंडिया तक दौड़ कर रहे हैं।
साइकिलिस्ट महेश कुमार ने 19 मार्च को दिल्ली के इंडिया गेट से दौड़ की शुरुआत की थी। रेवाड़ी, जयपुर, उदयपुर, अहमदाबाद, वडोदरा, सूरत होते हुए मुंबई के गेटवे ऑफ इंडिया तक 30 दिन में दौड़ पूरी करेंगे। चित्तौड़गढ़ पहुंचने पर टीम एटीबीएफ के जिला अध्यक्ष अनिल कुमार भूतडा,
चेतन शर्मा ब्लॉक अध्यक्ष कपासन समंद खटीक अजय राज जायसवाल, भरत मुंदडा, दिनेश वैष्णव, किरण मेहरा, कैलाश सोनी, सुरेंद्र टेलर, दुर्गेश कुमार लक्षकार, मदन गिरी गोस्वामी,
ने भगवा उपरना ओढ़ाकर तो वही रोटरी क्लब से मनोज भोजवानी अध्यक्ष, हितेश श्रीमाल सेक्रेटरी, ललित खंडेलवाल ललित जैनानी, संजय ढिलीवाल अनिल काबरा, राजेंद्र पाटनी, भूपेंद्र भारद्वाज, सुरेंद्र गर्ग, रितु भोजवानी, रितु पोखरना, दिलीप पोखरना आदि ने माल्यार्पण कर
महेश कुमार का स्वागत किया। महेश कुमार दौड़ के माध्यम से आमजन को अंगदान के लिए जागरूक करने और सैनिकों के सम्मान के साथ ही पर्यावरण संरक्षण का संदेश लेकर दिल्ली से मुंबई तक जा रहे हैं।
साइकिलिस्ट महेश कुमार ने बताया कि इंडिया गेट से गेटवे इंडिया मुंबई तक की दौड़ 1500 किलोमीटर की है। दिल्ली इंडिया गेट से 19 मार्च को दौड़ शुरू की गई थी। वे अभी तक करीब 600 किलोमीटर कवर कर चुके हैं। आमजन को अंगदान के प्रति जागरूक करने का संदेश लेकर दौड़ कर रहे हैं। उन्होंने कहा कि इंसान की मृत्यु के बाद शरीर को जला दिया जाता है या फिर दफना दिया जाता है। अंगदान अमर होने का तरीका भी है। महेश कुमार ने बताया कि वह रेवाड़ी, हरियाणा के रहने वाले हैं। इससे पहले साइकिल से कश्मीर से कन्याकुमारी तक रन किया था। 15 अगस्त, 2024 को इंडिया से न्यूजीलैंड जाएंगे। टीम एटीबीएफ के संस्थापक सुनील ढिलीवाल ने साइकिलिस्ट महेश कुमार की तारीफ करते हुए कहा कि इतनी कम उम्र में इस तरह का जज्बा बहुत ही सराहनीय है। कम समय में इतनी लंबी यात्रा आसान काम नहीं है। वे औसतन 50 किलोमीटर प्रतिदिन के हिसाब से पैदल चल रहे हैं। इस कार्य को करने का जज्बा तारीफ के काबिल है। इससे अंगदान का एक बड़ा संदेश दिया गया है। रैपिड एक्शन फोर्स के भी लगभग सभी जवानों और अधिकारियों ने अपने अंगदान कर रखे हैं। महेश कुमार के साथ उनके सहयोग मे उनके पिताजी सेना से रिटायर्ड ओम प्रकाश व सपोर्ट व्हीकल के साथ सत्यवीर साथ चल रहे है।