Homeभीलवाड़ाजैविक खेती प्रकृति और पर्यावरण को रखती है संतुलित

जैविक खेती प्रकृति और पर्यावरण को रखती है संतुलित

बदनपुरा में एक दिवसीय जैविक खेती प्रशिक्षण में उमडे किसान

काछोला 30 अगस्त -स्मार्ट हलचल/क्षेत्र के श्रीनगर पंचायत के बदनपुरा में परम्परागत कृषि विकास योजनान्तर्गत एक दिवसीय जैविक खेती प्रशिक्षण में उमडे किसान । प्रशिक्षण में 100 किसानों ने बढ़ चढ़ कर भाग लिया। प्रशिक्षण में पूर्व सहायक कृषि अधिकारी नन्दलाल सेन द्वारा जैविक खेती व रासायनिक खेती में अन्तर व वामकारी खेती की जानकारी दी । जीवामृत व घन जीवामृत की जानकारी सहित जैविक फफुन्ननाशी बनाने की जानकारी भी किसानों को दी और कहा कि

मुख्य रूप से जैविक खेती प्रकृति और पर्यावरण को संतुलित रखते हुए की जाती है। इसके अंतर्गत फसलों के उत्पादन में रासायनिक उर्वरकों और कीटनाशकों का प्रयोग नहीं किया जाता है। इसकी जगह गाय के गोबर की खाद, कम्पोस्ट, बायोफर्टिलाइजर, फसल अवशेष, फसल के ठूंठ और प्रकृति में उपलब्ध खनिजों का इस्तेमाल किया जाता

वही कार्यक्रम में नाथु लाल सुखवाल द्वारा पीएसबी राइ‌जोबियम, ड्राइकोडमी का महत्व भी जानकारी की सहायक कृषि कृषि अधिकारी शान्ति लाल जैन द्वारा विभागिय योजना की जानकारी दी ।वरिष्ठ कृषि पर्यवेक्षक महावीर वैष्णव ने निम किटनाशी बनाने की जानकारी दी।प्रशिक्षण कार्य प्रतिवेदन कृषि पर्यवेक्षक मोडू लाल धाकड़ द्वारा प्रस्तुत किया गया इस प्रशिक्षण कार्यक्रम में दुर्गा शंकर आचार्य, उमराव सिंह ,सुरेशचन्द्र कराड़, महावीर वैष्णव,दिलबर बलाई, मोडूलाल धाकड़, मनीष सहित आदि किसानों ने भाग लिया।

स्मार्ट हलचल न्यूज़ पेपर  01 अगस्त  2024, Smart Halchal News Paper 01 August 
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