मांगरोल – अक्षय जैन
स्मार्ट हलचल/आमजन काे आधुनिक तकनीक के माध्यम से एक ही स्थान पर 400 प्रकार की सरकारी और निजी सेवा मिलने के उद्देश्य से शुरू की गई ई-मित्र प्लस मशीनें शो-पीस बन कर रह गई है। शुरू हाेने के तीन साल बाद भी इसकी कोई सुध नहीं ले रहा है। जयपुर जिले में 1200 से अधिक ई-मित्र प्लस मशीनें लगी है, जिनमें शहर में 700 व ग्रामीण क्षेत्रों में 500 मशीनें है। वहीं, प्रदेश की बात करें 50 जिलों की 328 तहसील व 171 उप तहसील मुख्यालयों सहित विभिन्न स्थानों व सरकारी कार्यालयों में 14727 ई-मित्र मशीनें लगाई जा चुकी है।
परंतु जागरुकता व जानकारी के अभाव के कारण अब तक इन मशीनों का आमजन उपयोग नहीं कर पा रहा है। लगभग 600 कराेडाें रुपए की लागत से योजना में लगाई गई मशीनें धूल फांक रही है। गत सरकार ने यह सोचकर मशीनें लगाई थी कि सरकारी कार्यालय जैसे नल विभाग, पुलिस थाना, लाइट विभाग, रोडवेज बस स्टैंड पर लगी हुई हैं इन मशीनों के शुरू होने से लोगों को दफ्तर के चक्कर नहीं काटने पड़ेंगे लेकिन विभागीय लापरवाही से मशीनें उपयोग में नहीं आ रही है। हालात यहां तक पहुंच गए हैं कि ई-मित्र प्लस मशीन की आई-डी बंद ना हो इसके लिए डीओआईटी के संबंधित कर्मचारी महीने में एक बार जाकर स्वयं इन मशीनों से ट्रांजेक्शन करते हैं।
ये सुविधाएं है ई-मित्र प्लस में
ई-मित्र प्लस मशीन दिखने में एटीएम जैसी दिखाई देती है। इसमें 32 इंच एलईडी के साथ मॉनिटर डिवाइस, वेब कैमरा, कैश असेप्टर, कार्ड रीडर, मैटलिक की बोर्ड, रसीद के लिए नार्मल प्रिंटर, लेजर प्रिंटर आदि मौजूद हैं। मशीन में मौजूद वेब कैमरे से आम नागरिक उच्चाधिकारियों से वीडियो कॉन्फ्रेंस के जरिए बातचीत भी कर सकते हैं।
ये सेवाएं मशीन में उपलब्ध है
आमजन को अपने विभागीय कार्यों के लिए भटकना पड़े इसलिए इस मशीन से गिरदावरी, जमाबंदी की नकल, जन्म-मृत्यु प्रमाण पत्र, जाति, मूल निवास प्रमाण पत्र का प्रिन्ट, बिजली-पानी बिल जमा करने सहित अनेक प्रकार की सरकारी व निजी सेवाएं आधुनिक तकनीक के माध्यम से देने के लिए राज्य सरकार ने ई-मित्र प्लस योजना पूर्व में चलाई थी, लेकिश शो-पीस बनकर रह गई।