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पाकिस्तान ने फिर किया सीजफायर का उल्लंघन, दिखाई दोगली औकात


3 घण्टे में ही तोड़ दिया युद्ध विराम,जानिए- क्या होता है सीजफायर ?क्या है सीजफायर के नियम ?

 मदन मोहन भास्कर

स्मार्ट हलचल|भारत-पाकिस्तान के बीच तनावपूर्ण हालात के बीच पाकिस्तान ने सीजफायर का किया उल्लंघन । इस घटना के बाद राजस्थान के सीमावर्ती जिलों में हाई अलर्ट जारी कर दिया गया है। भारत और पाकिस्तान के बीच 86 घंटे तक चले युद्ध के बाद शनिवार शाम 5 बजे दोनों देशों के बीच सीजफायर पर सहमति बनी। इस निर्णय का उद्देश्य सीमा पर शांति स्थापित करना और आम नागरिकों को राहत देना था। लेकिन इस मानवतावादी पहल की उम्मीदों को पाकिस्तान ने महज तीन घंटे में ही रौंद कर रख दिया और रात करीब 8 बजे के बाद जम्मू-कश्मीर, राजस्थान और पंजाब में एक साथ कई जगहों पर पाकिस्तानी ड्रोन देखे गए और कुछ इलाकों में विस्फोट भी हुए। इन घटनाओं से पाकिस्तान की कथनी और करनी में जमीन-आसमान का अंतर है।
शनिवार रात 8:15 बजे जम्मू के आरएस पुरा सेक्टर में एक संदिग्ध ड्रोन भारतीय सीमा में दाखिल हुआ, जिसे बीएसएफ के जवानों ने तुरंत जवाबी कार्रवाई कर खदेड़ दिया। इसके कुछ ही मिनटों बाद पंजाब के फिरोजपुर और तरनतारन जिलों में भी ड्रोन की हलचल देखी गई। एक ड्रोन ने राजस्थान के गंगानगर जिले में नियंत्रण रेखा के पास एक छोटे पैमाने पर विस्फोटक गिराया, जिससे एक खेत में आग लग गई लेकिन कोई जनहानि नहीं हुई। इस घटना के बाद दिल्ली में एक उच्चस्तरीय सुरक्षा बैठक भी बुलाई गई। जिसमें रक्षा मंत्री, राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार और सेना प्रमुख मौजूद रहे। बैठक में तय किया गया कि पाकिस्तान की हर हरकत का कड़ा जवाब दिया जाएगा और सीमावर्ती इलाकों में नागरिकों की सुरक्षा सुनिश्चित की जाएगी। यह पहला मौका नहीं है जब पाकिस्तान ने युद्ध विराम तोड़ा हो। इससे पहले भी 2021 और 2023 में ऐसे ही समझौते हुए थे, जिन्हें पाकिस्तान ने कुछ ही दिनों में तोड़ दिया था। लेकिन इस बार मामला और गंभीर इसलिए है क्योंकि युद्ध के बाद आम नागरिकों को थोड़ी राहत मिली थी और ऐसा लग रहा था कि क्षेत्र में स्थिरता आ सकती है। पाकिस्तान के इस विश्वासघात से साफ हो गया है कि वह शांति का नहीं, बल्कि अस्थिरता और आतंक का पक्षधर है।
भारत सरकार ने अंतरराष्ट्रीय मंचों पर भी पाकिस्तान की इस दोगली नीति को उजागर करने की रणनीति बनाई है। संयुक्त राष्ट्र और अन्य वैश्विक मंचों पर भारत पाकिस्तान द्वारा सीजफायर उल्लंघन के साक्ष्य प्रस्तुत करेगा, ताकि दुनिया देख सके कि पाकिस्तान क्षेत्रीय शांति के लिए कितना बड़ा खतरा बना हुआ है।

 

 

 

भारत-पाकिस्तान तनाव 2025
22 अप्रैल को जम्मू एंड कश्मीर के पहलगाम में हुआ आंतकी हमले के बाद भारतीय सेना ने जवाबी कार्रवाई करते हुए 7 मई एयर स्ट्राइक कर पाकिस्तान और POK में 9 आंतकी ठिकानों को ध्वस्त कर दिया।
8-9 मई को पाकिस्तान ने भारत के सीमावर्ती इलाकों में गोलीबारी और ड्रोन से हमले की कायराना हरकत की। जिसका भारतीय एयर डिफेंस सिस्टम ने मुंहतोड़ जवाब दिया और 10 मई को भारतीय सेना ने पाकिस्तान 4 एयरबेस ठिकानों को उड़ा दिया।

 

क्या होता है सीजफायर?

भारत और पाकिस्तान के बीच मौजूदा हालातों को देखते हुए सीजफायर की घोषणा की गई है। लेकिन पाकिस्तान ने फिर एक बार नियम तोड़ दिया । दरअसल सीजफायर का असली मतलब दो देशों के बीच सीजफायर होता है। इसके लागू होने के तुरंत बाद से दोनों देशों के बीच जारी संघर्ष पर अस्थाई और स्थाई तौर पर रोक लग जाती है। युद्धविराम दो या अधिक युद्धरत पक्षों के बीच सक्रिय शत्रुता की समाप्ति के लिए एक समझौता। आम तौर पर, युद्धविराम की शर्तें, दायरा और अवधि अनुबंध करने वाले युद्धरत पक्षों द्वारा निर्धारित की जाती हैं। सीमा पर आक्रामक कार्रवाई को रोकने के लिए इसका इस्तेमाल किया जाता है। खासबात ये है कि इसमें किसी भी तरह की संधि की जरूरत नहीं होती है। बल्कि इसके लागू होना फैसला दोनों देशों की आपसी सहमति पर निर्भर रहता है।

भारत बनाम पाक सीजफायर

भारत और पाकिस्तान के आपसी मतभेद का इतिहास काफी पुराना है। आजादी के एक साल बाद 1948 में पहली बार दोनों देश जम्मू और कश्मीर के मुद्दे पर आमने-सामने आए थे। बताया जाता है कि उस वक्त 1 जनवरी 1949 को पहला औपचारिक सीजफायर हुआ था। इसके बाद भारत और पाकिस्तान की सेनाएं 1965 में एक बार फिर से युद्ध के मैदान में आमने-सामने आई थीं। उस वक्त सोवियत संघ और संयुक्त राज्य (अमेरिका) के हस्तक्षेप के बाद दोनों देशों की आपसी सहमति के बाद सीजफायर का एलान हुआ था। फिर 1971 और 1999 कारगिल युद्ध हुए थे। इन दोनों संघर्षों में भारतीय सेना की विजय हुई। 71 की लड़ाई में सोवियत संघ यानी रूस ने भारत की सहायता कर दुनिया के सामने ये साबित कर दिया था कि अन्य कोई भी देश भारत की तरफ आंख उठाकर भी न देखे।

अटल बिहारी वाजपेयी ने की थी कई कोशिशें

पाकिस्तान एल ओ सी पर बैरियर्स लगाने से खुश नहीं था। पाकिस्तान को यह बात पसंद नहीं आई कि भारत सीमा पर बाड़ लगा रहा है। नवंबर 2003 में भारत के विदेश मंत्रालय ने एक बड़ी घोषणा की। उन्होंने भारत और पाकिस्तान के बीच सीजफायर का ऐलान किया। यह फैसला तत्कालीन प्रधानमंत्री अटल बिहारी वाजपेयी की कोशिशों का नतीजा था। 25 नवंबर 2003 को सीजफायर लागू हुआ। विदेश मंत्रालय ने कहा कि एक हफ्ते की बातचीत के बाद यह समझौता हुआ है। इस मीटिंग में भारत और पाकिस्तान के सेना के बड़े अधिकारी शामिल थे। विदेश मंत्रालय के अनुसार, यह सीजफायर 450 मील लंबी LOC अंतरराष्ट्रीय सीमा और सियाचिन ग्लेशियर पर भी लागू हुआ।

कई बार हुआ सीजफायर का उल्लघंन

सीजफायर के एलान के बाद पाकिस्तान ने कभी इसका उल्लंघन नहीं किया है। इतिहास इस बात का गवाह है कि सीजफायर के बाद समय-समय पर पाकिस्तानी सेना लॉइन ऑफ कंट्रोल पर सीजफायर का उल्लंघन कर चुका है। 2021 से पहले ये नजारा कई बार देखने को मिला था। लोकसभा में गृह राज्य मंत्री नित्यानंद राय ने सीजफायर उल्लघंन को लेकर विस्तार से जानकारी साझा की थी।

1949 में सीजफायर लाइन को लेकर बनी में भी थी सहमति

भारत और पाकिस्तान की बात की जाए तो जब 1947 में कश्मीर के लिए दोनों देशों के बीच जंग हुई। इस युद्ध को रोकने के लिए यूनाइटेड नेशन बीच में आया। यूएन के हस्तक्षेप के बाद 1949 में भारत-पाकिस्तान ने अपनी सहमति से जम्मू-कश्मीर पर एक लाइन स्थापित की, जिसे सीजफायर लाइन माना गया। इस लाइन पर सहमति बनाने के लिए भारत और पाकिस्तान के तब के आर्मी चीफ ने बैठक भी की थी।

 

भारत का सबसे पहला युद्ध कौन सा था?

भारत और पाकिस्तान के बीच पहली जंग, जिसे प्रथम भारत-पाकिस्तान युद्ध या 1947-48 का कश्मीर युद्ध के नाम से जाना जाता है, 22 अक्टूबर 1947 को शुरू हुई थी।

इतिहास का सबसे लंबा युद्धविराम कौन सा था?

युद्धविराम के लिए बातचीत दो वर्षों ( 1951-1953 ) तक चली, जो इतिहास में सबसे लम्बी बातचीत वाली युद्धविराम वार्ता थी।

भारत के बैरियर्स लगाने से नाराज था पाकिस्तान

भारत ने 1990 में एल ओ सी पर बैरियर्स लगाने शुरू किए। लेकिन 1999 में फिर से दोनों देश युद्ध के लिए आमने-सामने आ गए। 2004 तक बैरियर्स का काम पूरा हो गया। पाकिस्तान बैरियर्स लगाने से नाराज था। उनका मानना था कि भारत ऐसा रिश्ते बिगाड़ने के लिए कर रहा है। अमेरिका और यूरोप के दबाव में आकर भारत और पाकिस्तान ने सीजफायर करने का फैसला लिया।

भारत और पाकिस्तान में सीजफायर की शुरुआत कब हुई?

1947 में आजादी के तुरंत बाद भारत और पाकिस्तान के बीच जम्मू-कश्मीर को लेकर पहला युद्ध हुआ। हालात इतने बिगड़ गए कि संयुक्त राष्ट्र को मध्यस्थता करनी पड़ी। इसके परिणामस्वरूप 1949 में भारत और पाकिस्तान ने मिलकर जम्मू-कश्मीर में एक युद्धविराम रेखा तय की। इस रेखा को अंतरराष्ट्रीय स्तर पर मान्यता देने के लिए संयुक्त राष्ट्र ने एक आधिकारिक पत्र भी जारी किया जिसमें इसे दोनों देशों के बीच दुश्मनी कम करने की दिशा में एक अहम कदम बताया गया। इसके बाद दोनों देशों की सेनाओं के शीर्ष अधिकारियों ने बैठक कर सीजफायर लाइन पर अपनी सहमति दी। कुछ सालों बाद इसे एल ओ सी यानि लाइन ऑफ कंट्रोल का नाम दिया गया था।
संघर्षविराम केवल कूटनीतिक या सैन्य दृष्टिकोण से ही ज़रूरी नहीं है, बल्कि इसका सीधा प्रभाव आम नागरिकों पर पड़ता है, विशेषकर सीमावर्ती राज्यों के गांवों पर। हालांकि ये बात भी सामने आई है कि भारत अब किसी भी तरह के अगले टेरर अटैक को एक्ट ऑफ वॉर मानेगा।

कितने प्रकार का होता है सीजफायर-

सीजफायर तीन प्रकार का होता है जिसमें अस्थायी युद्धविराम, अनिश्चितकालीन युद्धविराम,स्थायी युद्धविराम ।

12 मई को दोनों देशों के बीच होनी थी बातचीत

इस युद्धविराम से ठीक एक दिन पहले अंतरराष्ट्रीय मुद्रा कोष (IMF) ने पाकिस्तान को 1 बिलियन डॉलर की सहायता राशि जारी करने की मंजूरी दी थी। भारत ने इस पर आपत्ति जताई थी कि यह फंड सीमा पार आतंकी गतिविधियों में इस्तेमाल हो सकता है।विदेश सचिव विक्रम मिस्री ने प्रेस वार्ता में कहा कि पाकिस्तान द्वारा भारतीय सैन्य ठिकानों पर हमले और एस-400 बेस को नुकसान पहुंचाने जैसे दावे पूरी तरह से झूठे और भ्रामक हैं।उन्होंने स्पष्ट किया कि भारत ने सिर्फ सैन्य लक्ष्यों को निशाना बनाया और नागरिक ठिकानों को नुकसान नहीं पहुंचाया गया। इस तरह करीब दो हफ्तों से चले आ रहे भारत-पाकिस्तान सैन्य तनाव का शांतिपूर्ण पटाक्षेप हुआ है। सभी की अब निगाहें इस बात पर टिकी हैं कि दोनों देश आने वाले दिनों में किस तरह से इस वार्ता प्रक्रिया को आगे बढ़ाते हैं। वे 12 मई को दोपहर 12 बजे फिर से बात करने वाले थे । उस बातचीत में फिर आगे की प्रक्रिया तय करनी थी ।

कब होता है सीजफायर?

सीजफायर की घोषणा कई परिस्थितियों में की जा सकती है। जैसे- बढ़ते सैन्य टकराव को रोकने के लिए,आम नागरिकों की सुरक्षा सुनिश्चित करने के लिए,मानवीय सहायता या राहत कार्यों को अंजाम देने के लिए,शांति वार्ता की शुरुआत करने हेत,अंतरराष्ट्रीय दबाव के कारण ।

अमेरिका की पहल पर दोनों देशों में बनी थी सहमति

तनाव के इस माहौल में अमेरिका ने मध्यस्थता की भूमिका निभाई लेकिन पाकिस्तान ने फिर किया सीजफायर का उल्लंघन । अब अमेरिका क्पाकिस्तान के खिलाप क्या करेगा कार्यवाही । अमेरिकी विदेश मंत्री मार्को रुबियो और उपराष्ट्रपति जेडी वेंस ने भारत और पाकिस्तान के शीर्ष नेताओं से बातचीत की। रुबियो ने कहा भारत और पाकिस्तान के नेताओं ने विवेक और दूरदृष्टि का परिचय देते हुए युद्धविराम पर सहमति जताई थी ।
दोनों देशों ने एक तटस्थ स्थान पर वार्ता शुरू करने पर भी सहमति दी है। उपराष्ट्रपति वेंस ने कहा कि अमेरिकी नेतृत्व द्वारा की गई बातचीत के बाद यह समझौता हुआ था और दोनों देशों को शांति के रास्ते पर लौटने के लिए बधाई भी दी लेकिन मात्र तीन घण्टे में ही नियम की धज्जिया उड़ा दी ।

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