भाटियों का खेड़ा में रास्ते में पसरा कीचड़, जिम्मदारो का नही जा रहा ध्यान।
ओम जैन
शंभूपुरा।स्मार्ट हलचल|राजस्थान में कहने को तो डबल इंजन की सरकार है लेकिन जिले की कई ग्राम पंचायतों में आम रास्तो के हालात यह बताते है कि नीचे से ऊपर की ओर सभी अपने विकास में लगे है गांवों का विकास तो जैसे भगवान भरोसे है।
ऐसे ही हालात जब हम जिले की ग्राम पंचायत गिलूंड में पहुंचे तो वहाँ विकास का पहिया तो पूरी तरह पिंचर नजर आया लेकिन अव्यवस्थाओं का अंबार ओर मूलभूत सुविधाओ का अभाव जरूर देखने को मिला।
गिलूंड ग्राम पंचायत की भाटियों का खेड़ा पहुंचे तो वहाँ ग्रामीणों ने बताया कि पिछले 5 सालों में यहाँ विकास के नाम पर तो कुछ नही हुआ साथ ही हम गांव की मूलभूत सुविधाओं की बात करने भी पंचायत जाते है तो ना वहाँ सरपंच सुनती है, ना सचिव कोई सुनवाई करते, ना ही पंचायतीराज के आलाधिकारी कभी गांवों का रुक करते ओर उन जनप्रतिनिधियो ने भी वापस आकर नही देखा जिनको हमने वोट देकर जिताया।
इतना बड़ा गांव लेकिन बस चुनावो में ही पहुंचते नेताजी
गिलूंड पंचायत में आने वाला भाटियों का खेड़ा एक बड़ा गांव है जिसमे भी क्षेत्रीय नेता बस चुनावो में दिखाई देते है उनका फिर जैसे 5 साल कोई काम ही नही गांव से, ना कोई अधिकारी पहुंचते ना ही पंचायत से मुखिया जिससे इस गांव के विकास की बात करना तो दूर मूलभूत सुविधाओं से भी वंचित है, यहाँ गांव के बिचो-बिच मेन रास्ता किचड़ व गंदगी से भरा पड़ा है, जहां से स्कूली बच्चो ओर ग्रामीणों को रोज निकलने में खासी परेशानी का सामना करना पड़ रहा है, गांव की इस गम्भीर समस्या को लेकर कई बार पंचायत को अवगत करवाया लेकिन ना सरपंच सुनते ना सचिव और ना ही उपसरपंच जो कि इसी गांव से है उन्होंने भी गांव की कभी सुनवाई नही की।
ग्रामीणों ने रोष जताते हुए कहा कि यहाँ जगह जगह गन्दगी के ढेर है, पानी निकासी की कोई व्यवस्था नही, ना सड़के सही है, ना स्वच्छता रथ है, गांव आजादी के इतने सालों बाद भी मूलभूत सुविधाओं से वंचित है, ग्रामीणों ने चेतावनी देते हुए कहा कि अगर अब भी जल्द हमारी समस्याओं का समाधान नही किया जाता है तो आगामी चुनावों में मतदान का पूर्ण रूप से बहिष्कार करेंगे, जिसकी सम्पूर्ण जिम्मेदारी ग्राम पंचायत और जिला प्रसासन की होगी।