शाहपुरा@(किशन वैष्णव)नृसिंह मंदिर खामोर के महंत श्री 1008 रामेश्वर दास महाराज पंचतत्व में विलीन हो गए।इनकी अंतिम बैकुंठ यात्रा में सैकडो अनुयायी,संत,महात्मा सहित मेवाड़ व अजमेर मंडल के अनेक महंत शामिल हुए।रविवार दोपहर 12 बजे महंत रामेश्वर दास महाराज ने अपना देह त्याग दिया।और देवलोक गमन हो गए।जिसके बाद रविवार दोपहर से नृसिंह मंदिर में हरी कीर्तन चलता रहा।सोमवार सुबह 9 बजे नृसिंह मंदिर से बैकुंठ शोभायात्रा रवाना हुई जो करीब 5 किलोमीटर तेजाजी मंदिर से होकर खाखी जी महाराज की समाधि स्थल पहुंची। बैकुंठ यात्रा बेवाणा में बिठाकर निकाली गई।महंत रामेश्वर दास महाराज की अंतिम यात्रा में क्षेत्र के आस पास सैकडो गांवो से भक्तगण पहुंचे करीब 6 घंटे नगर भ्रमण के बाद संत समागन की उपस्थिति में अंतिम संस्कार किया गया।अंतिम बैकुंठ यात्रा में बैंड बाजे,ढोलक ताशे के साथ भजन कीर्तन और रामधुनी के साथ राजस्थान के गुजरात ,अजमेर भीलवाड़ा से अनुयायी और संत महात्मा अंतिम दर्शन के लिए पहुंचे।महंत रामेश्वर दास महाराज की अंतिम यात्रा में ग्रामीणों से पुष्प वर्षा कर अंतिम विदाई दी।साथ ही जगह जगह ग्रामीणों ओर भक्तो ने भेट पूजा और नारियल चढ़ाया।श्री श्री 1008 बाबा बालकदास महाराज कालाबड़ के शिष्य सांवरिया सेठ दांतडा अजमेर के महंत शत्रुघ्न दास महाराज ने बताया की करीब 51 वर्षो से रामेश्वर दास महाराज खामोर नृसिंह मंदिर में पीठाधीश्वर है महंत परम भक्त होने के साथ अपनी सादगी के नाम से संत के रूप में अपनी पहचान बनाई थी.उन्होंने जीवन में कभी भी किसी लोभ लालच और मोह माया को अपने पास आने नहीं दिया.रामेश्वर दास महाराज को लेकर हम चिंतित थे और लगातार उनके बेहतर स्वास्थ्य को लेकर प्रयास कर रहे थे, लेकिन परमात्मा की लीला के आगे सब बाते मिथ्या है और आज रामेश्वर दास महाराज हमारे बीच में नहीं रहे।वो पंचतत्व में विलीन हो गए हैं।
51 वर्ष पूर्व खामोर पधारे थे महाराज।
महाराज के अनुयाईयो का कहना है की 1974 में महाराज खामोर पधारे थे इससे पूर्व नृसिंह मंदिर में महंत रामनिवास दास महाराज (खाखी)जी महाराज महंत हुआ करते थे।जिसके बाद उनका समाधि स्थल अभी आगुचा रोड पर स्थित है।जहा सोमवार को धोक लगाने से कान की बीमारियों का उपचार होता है।
श्रद्धांजलि सभा मंगलवार को..
महंत रामेश्वर दास महाराज का देवलोक गमन 9 फरवरी रविवार को हुआ था उसका अंतिम संस्कार सोमवार को किया गया और उनका उठाना व श्रद्धांजलि कार्यक्रम मंगलवार को सुबह नृसिंह मंदिर खामोर में रखा गया है।


