( नियमों में बदलाव ने बढ़ाई अभिभावकों की चिंता )
आर टी इ निशुल्क शिक्षा के आवेदनों में असमंजस ,आयु और कक्षा में हो रही कटौती
• आरटीई: 4 से 6 वर्ष के बच्चे आवेदन से वंचित; एलकेजी और एचकेजी में इस साल निशुल्क प्रवेश नहीं
• लाखो बच्चे इस वर्ष हो रहे प्रवेश से वंचित ,आय प्रमाण पत्र को लेकर असमंजस की स्थिति
• राजस्व विभाग के प्रारूप के अलावा कई जगह ,बन रहे एक पेज के आधे अधूरे आय घोषणा पत्र ,आखिर जाँच केसे होगी ?
नितेश शर्मा
जयपुर/स्मार्ट हलचल/आरटीई के तहत निजी स्कूलों में निशुल्क प्रवेश की प्रक्रिया 3 अप्रैल से शुरू हो गई है। शिक्षा निदेशालय की ओर से इस साल निशुल्क प्रवेश में किए गए बदलाव ने अभिभावकों की चिंता बढ़ा दी है। दरअसल, शिक्षा सत्र 2024-25 के तहत निशुल्क प्रवेश केवल नर्सरी और पहली कक्षा में ही होगा। जहा एक और हर वर्ष अभिभावक इंतजार करते है की उच्च फीस और निजी स्कूल की मनमानी फीस से बचने के लिए वो बच्चे का आवेदन आरटीई के तहत करवा सके लेकिन इस बार नियम बदलते ही कई बच्चे इस प्रवेश पात्रता से बाहर हो ते नजर आ रहे है और उनके चहरो पर मायूसी देखने को मिल रही है ,कई लोगो ने बताया की सरकार का ये फेसला बहुत गलत नजर आ रहा है आखिर 4 वर्ष से बड़े 6 वर्ष के बच्चो को इस बार पात्र ही नहीं माना ये बहुत बड़ी चिंता की बात है ,आज निजी स्कूल की भारीभरकम फीस और किताबो का खर्चा एक एक दुर्बल अवस्था वाला परिवार उठाने में वास्तव में असमर्थ है और वही एसे नियमो में बदलाव से उन परिवारों की चिंता और बढ़ गई है |
नर्सरी के लिए आयु सीमा 3 साल से अधिक और 4 साल से कम और पहली कक्षा में प्रवेश के लिए 6 वर्ष या उससे अधिक और 7 वर्ष से कम आयु वर्ग के अभ्यर्थी आवेदन के पात्र हैं। ऐसे में 4 वर्ष से अधिक और 6 वर्ष से कम आयु वर्ग के अभ्यर्थी निजी स्कूलों में निशुल्क प्रवेश के लिए आवेदन नहीं कर पा रहे हैं।
• अभिभावक कर रहे मांग ,प्रवेश से वंचित क्यों हो रहे बच्चे ?
दरअसल, पिछले साल निजी स्कूलों में एलकेजी और एचकेजी में भी निशुल्क प्रवेश दिया था। लेकिन इस बार केवल दो ही कक्षा में निशुल्क प्रवेश के लिए आवेदन हो रहे हैं। अभिभावकों ने माध्यमिक शिक्षा निदेशालय में आरटीई प्रभारी से मिलकर 4 वर्ष से अधिक और 6 वर्ष से कम आयु वर्ग के अभ्यर्थियों के भी ऑनलाइन आवेदन करवाने की मांग की है।
“निशुल्क प्रवेश के आवेदन की प्रक्रिया शुरू हो गई है। लेकिन 4 साल से अधिक और 6 साल से कम आयु के बालक-बालिकाओं के निशुल्क प्रवेश के लिए आवेदन नहीं हो रहे हैं। शिक्षा निदेशालय के अधिकारियों को इस आयु वर्ग के अभ्यर्थियों के भी आवेदन करने के संबंध में ज्ञापन दिया गया है।”
-शौकत अली गौरी, अभिभावक
• जो नियम है उसके अनुरूप ही प्रवेश होंगे –डिईओ
“नियमों में हुए बदलाव के तहत शिक्षा सत्र 2024-25 में निजी स्कूलों में निशुल्क प्रवेश नर्सरी और पहली कक्षा में ही होंगे। जिसके लिए आयु सीमा निर्धारित की गई है। आयु सीमा में आने वाले अभ्यर्थी ही आवेदन कर सकेंगे।”
सुरेंद्र सिंह भाटी, डीईओ, माध्यमिक
• आय प्रमाण पत्रों में फर्जीवाड़ा रुक सके ,नया किया बदलाव ,कोई एक पेज का तो कोई 4 पेज का बनवा रहे ,आखिर कौन सा होगा मान्य ?
2.50 लाख रुपए सालाना से कम आय के लिए राजस्व विभाग द्वारा निर्धारित प्रारूप में आय घोषणा पत्र बनवाना होगा। फिर भी कई जगह अभिभावक असमंजस की स्थिति में है और बनाने वाले भी सही जानकारी नहीं दे पा रहे है साथ ही बिना किसी जाँच के ही घोषणा पत्र बनते नजर आ रहे है ,कही एक पेज तो कही विभाग प्रारूप में 4 पेज का आय घोषणा पत्र ,एसे में ये सवाल उठता है की आखिर इनकी जाँच केसे होगी ?और कोन सा सही कौनसा अमान्य होगा ,साथ ही इस बार केवल 2 कक्षाओं में ही प्रवेश हो सकेंगे। पीपी थ्री प्लस और पहली कक्षा में प्रवेश के लिए आवेदन किया जा सकेगा। पहले 4 कक्षाओं में प्रवेश दिया था। इस साल पीपी थ्री प्लस के लिए आयु सीमा 3 से 4 साल और पहली कक्षा के लिए आयु सीमा 6 से 7 साल रखी है। पीपी थ्री प्लस की आयु सीमा में तो बदलाव नहीं है। आयु की गणना की तारीख में भी बदलाव किया है। अब 31 जुलाई 2024 के आधार पर आयु सीमा की गणना की जाएगी। सरकार ने 50 जिले कर दिए हैं, लेकिन लोगों के पास नए जिलों के दस्तावेज नहीं हैं। इसलिए 33 जिलों के आधार पर ही प्रवेश प्रक्रिया चलेगी और इन जिलों के दस्तावेजों से प्रवेश हो सकेंगे।
• ई मित्र पर आती है भीड़ ,लेकिन आवेदन हो रहे कम
निशुल्क प्रवेश के आवेदन की प्रक्रिया 3 अप्रैल से शुरू हो गई है। लेकिन 4 साल से अधिक और 6 साल से कम आयु के बालक-बालिकाओं के निशुल्क प्रवेश के लिए आवेदन नहीं हो रहे हैं। जिससे हर जगह आवेदन करने वालो के साथ ऑनलाइन फॉर्म भरने वाले ई मित्र दुकानदार भी इस बार निराश नजर आ रहे है ,जहा पिछली बार प्रतिदिन अच्छी संख्या में ऑनलाइन आवेदन भरे जा रहे थे परन्तु इसबार भीड़ तो आती है लेकिन आयु में बड़ा बदलाव के कारण बच्चो का आवेदन पोर्टल पर चेक करते ही अपात्र का सन्देश नजर आ जाता है और प्रवेश से वंचित . अभिभावक् भी कई बार नहीं मानते लेकिन फिर उन्हें पूरी जानकारी देनी पड़ रही है |