पेरिस में मनाया संत दिग्विजय का 24 वां दीक्षा दिवस अप्रवासी भारतीय भी हुए शामिल
शाहपुरा, मूलचंद पेसवानी
रामस्नेही सम्प्रदाय के रामद्वारा चित्तौड़गढ़ के संत श्री रमता राम जी के पूज्य शिष्य श्री दिग्विजय राम जी का 24 वा दीक्षा महोत्सव पेरिस के राधा कृष्णा मन्दिर में मनाया गया. 235 भारतीय लोगो के साथ अप्रवासी भारतीय भी आये । संत श्री रमता राम जी ने अपने मुखारबिंद से बताया की महाप्रभु राम चरण जी महाराज ने अपनी अनुभव वाणी में कहा कि मानव जीवन बहुत मुश्किल से प्राप्त होता है इस अति दुर्लभ जीवन प्राप्त करने के बाद अगर भक्ति और सत्संग प्राप्त नहीं हुआ तो वह जीवन निरर्थक है। संसार इस भौतिकवाद की चकाचौंध में मदमस्त है इस भौतिकवाद में रहते हुए मानव जीवन किस तरीके से प्रभु चरणों तक पहुंचे प्रभु की भक्ति कर सके यही शास्त्रों का संदेश होता है। संत श्री दिग्विजय राम जी ने अपने गुरु रमता राम जी को कोटि कोटि नमन कर बताया कि गुरु तो कल्पवृक्ष कामधेनु चिंतामणि एवम इस संसार के सर्वप्रदाता है और कहा कि सातों समुद्र की स्याही बना ली जाए जितने वन है संसार में उनका कागज बना लिया जाए तो भी गुरु गुण लिखा ना जाए।
सुनील कोठारी ने बताया कि तेरह दिवसीय आध्यात्मिक यूरोप यात्रा के तहत 24 मई को दिल्ली एयरपोर्ट से वर्सोवा (पोलैंड) होते हुए पेरिस पहुंचे। प्रातः गुरुदेव संग प्रभु स्मरण कीर्तन व भजनों के साथ पेरिस के दर्शनीय स्थल डिज्नीलैंड एफिल टावर मां गंगा के समान सीन नदी में क्रूज की 1:15 घंटे की रोमांचक यात्रा की। राधे कृष्णा मंदिर में 24 वा दीक्षा महोत्सव सभी अप्रवासीय भारतीयों द्वारा बहुत ही उत्साह के साथ मनाया गया एवं सभी भक्तो ने पीले वस्त्र धारण किए। सभी भक्तों ने संतों के साथ सत्संग भजन कीर्तन का आनंद लिया।