भीलवाड़ा/ प्रदेशभर में संचालित निजी ट्रावेल्स बसें सवारियों की जान को खतरे में डालकर सड़कों पर सरपट दौड़ रही है लेकिन राज्य के परिवहन मंत्री व उनके विभाग का इस ओर कोई ध्यान नहीं है। नतीजतन पटाखे रखी एक ट्रावेल्स ने जैसलमेर में दर्जनों यात्रियों को जिंदा राख कर दिया। ट्रावेल्स बसे केवल यात्री भार ढोने के लिए है, परन्तु निजी बस संचालकों के लालच और परिवहन विभाग की घोर अनदेखी का आलम यह है कि इन बसों में यात्री कम और लगेज अधिक भरा जाता है। जिसका परिणाम जैसलमेर बस दु:खांतिका के रूप में यदा-कदा देखने को मिल जाता है। राठौड़ ने कहा कि परिवहन मंत्री व उनके विभाग में मौजूद भृष्ट अधिकारियों की अनदेखी के चलते निजी ट्रावेल्स बस ऑपरेटरों के हौसले इतने बुलन्दियों पर है कि वे विभाग के नियमों को दरकिनार कर अपनी बसों में बेरोकटोक कई तरह के माल का लदान कर उन्हें एक शहर से दूसरे शहर में आसानी से पहुंचा रहे हैं। मजे की बात तो यह है कि इन मालों में ज्वलनशील वस्तुएं जैसे कपड़े की गाँठे, मोटरसाइकिलें व पटाखे तक शामिल हैं। इतना ही नहीं लालच के वशीभूत यह ट्रावेल्स संचालक अपनी बसों में गैस सिलेंडर तक लाद लेते हैं।
विश्वबन्धु ने कड़े लहजे में परिवहन मंत्री को चेताया है कि ट्रावेल्स बसों को ट्रक का रूप देने वाले बस ओपरटरों के विरुद्ध सख्त और प्रभावी कार्यवाही अमल में लायें अन्यथा गुड्स ट्रांसपोर्ट एसोसिएशन को इसके विरुद्ध सड़कों पर उतरकर अपनी आवाज बुलंद करनी होगी, ताकि जैसलमेर जैसा बस अग्निकांड दुबारा न हो।


