काछोला 6 सितम्बर -स्मार्ट हलचल/दिगम्बर जैन समाज मानपुरा हर्षोल्लास से 8 तारीख से ही पर्यूषण पर्व(दशलक्षण) मनाने जा रहा है, जिसकी तैयारियां पुर्ण कर ली गई जो 10 दिन तक चलने वाला पर्युषण पर्व पर शुक्रवार को दिगम्बर जैन परिवारों में रोट तीज मनाई गई। इसमें रोट,खीर,बनाते हैं।पर्युषण पर्व को भगवान महावीर के सिद्धांतों को मानते हुए, अहिंसा परमो धर्म, जिओ और जिने दो के संदेश को अपनाते हुए रखते हैं।महापर्व पर्युषण को दशलक्षण पर्व भी कहते हैं.
प्रमोद जैन ने बताया कि ये पर्व आत्मकल्याण व देश की खुशहाली के लिए मनाया जाता है। जैन समाज में पयुर्षण पर्व/ दसलक्षण पर्व के प्रथम दिन उत्तम क्षमा, दूसरे दिन उत्तम मार्दव, तीसरे दिन उत्तम आर्जव, चौथे दिन उत्तम सोच, पांचवें दिन उत्तम सत्य, छठे दिन उत्तम संयम, सातवें दिन उत्तम तप, आठवें दिन उत्तम त्याग, नौवें दिन उत्तम आकिंचन तथा दसवें दिन ब्रह्मचर्य तथा अंतिम दिन क्षमावाणी के रूप में मनाया जाता है। रविवार से ही सुबह 6 बजे से मानपुरा वाले बड़े बाबा के मन्दिर जी मे अभिषेक, शांतिधारा, व सामूहिक नित्यपूजन समाज की महिलाओं, पुरुषों द्वारा की जाएगी एवं नित्य जिनेन्द्र भगव होगा।
पर्युषण पर्व 8 से –
पर्युषण पर्व को पर्वराज भी कहा गया है यानी कि जैन धर्म के सभी त्योहारों में इसका महत्वपूर्ण स्थान है।पर्युषण पर्व के दौरान जैन धर्म के अनुयायी उपवास रख त्याग, तपस्या और साधना करते हैं।यह पर्व आत्मशुद्धि के लिए मनाया जाता है,जैन पंथ में अहिंसा और आत्मा की शुद्धि का विशेष महत्व है।