रितिक मेहता
डूंगरपुर,स्मार्ट हलचल। जिले में सिकल सेल एनीमिया के 5 हजार मरीज मिले है। स्वास्थ्य विभाग की ओर से करवाए गए सर्वे और टेस्ट में ये मरीज पॉजिटिव आए है। इतने मरीज सामने आने के बाद स्वास्थ्य विभाग ने बड़े पैमाने पर जांच शुरू कर दी है। वहीं, पॉजिटिव मरीजों को इलाज के साथ ही जागरूक किया जा रहा है। खासकर पॉजिटिव मरीजों को शादी से भी रोका जा रहा है, ताकि ये बीमारी दूसरों में नहीं फैल सके।
सीएमएचओ डॉ. अलंकार गुप्ता ने बताया कि सिकल सेल एनीमिया एक आनुवांशिक बीमारी है। इसका समय पर पहचान कर इलाज करना जरूरी है। डूंगरपुर जिले में विभाग की ओर से सिकल सेल एनीमिया की मरीजों की पहचान के लिए सर्वे करवाया गया था। इसके लिए विभाग की ओर से 7 लाख जांच किट पीएचसी और सीएचसी पर दिए गए। जिसके तहत जिलेभर में स्वास्थ्य विभाग की और से 6 लाख 48 हजार 169 लोगो की स्क्रीनिंग टेस्ट कराया गया। इसमें से 4 हजार 831 लोग सिकल सेल एनीमिया के पॉजिटिव पाए गए है।
उन्होंने बताया की इसमें से एक भी पॉजिटिव मरीज की तबीयत ज्यादा खराब स्थिति में नहीं मिली है। सिकिल सेल एनीमिया के मरीजों के इलाज के साथ ही जागरूक किया जा रहा है। उन्हें शादी करने से भी अभी रोका जा रहा है, ताकि शादी के बाद किसी अन्य व्यक्ति में ये बीमारी नहीं फैले। वहीं, संक्रमण के वाहक या रोगी को किस व्यक्ति से शादी करनी करना चाहिए इस बारे में भी जानकारी दी गई। जिससे की उनकी आने वाली पीढ़ी में बीमारी आगे नहीं बढ़ सके।
डॉक्टर गुप्ता ने कहा कि पोषण की कमी से आदिवासी क्षेत्र में यह रोग औसत रूप से ज्यादा पाया जाता है, लेकिन सरकार की ओर से मुफ्त इलाज किया जा रहा है।
क्या होता है सिकल सेल एनीमिया
सिकल सेल रोग एनीमिया वंशानुगत लाल रक्त कोशिका विकारों का एक समूह है जो हीमोग्लोबिन को प्रभावित करता है। आम तौर पर, लाल रक्त कोशिकाएं डिस्क के आकार की और इतनी लचीली होती हैं कि रक्त वाहिकाओं में आसानी से चल सकें। सिकल सेल रोग में लाल रक्त कोशिकाएं (RBC) अर्धचंद्राकार या “सिकल” आकार की हो जाती हैं। ये सिकल्ड लाल रक्त कोशिकाएं आसानी से मुड़ती या हिलती नहीं हैं और शरीर के बाकी हिस्सों में रक्त के प्रवाह को अवरुद्ध कर सकती हैं। शरीर में ब्लड फ्लो रुकने से कई समस्याओं का जन्म हो जाता है। जिसमें स्ट्रोक, आंखों की समस्याएं, संक्रमण और गंभीर सिरदर्द शामिल हैं।