भीलवाड़ा । 21वी सदी में भी कुछ ऐसी परंपराएं और कुप्रथाएं चल रही है जो किसी दंश से कम नहीं है । पुराने जमाने में पांचों द्वारा तुगलकी फरमान जारी किया जाता था और किसी भी परिवार को समाज से बहिष्कृत कर बाहर कर दिया जाता था और हुक्का पानी भी बंद कर दिया जाता था । जिससे एक परिवार पर दुखो का लगा टूट पड़ता । ऐसा ही एक मामला तब सामने आया जब एक पीड़ित परिवार अपना दुख लेकर पुलिस अधीक्षक धर्मेंद्र सिंह के पास पहुंचा । परिवार ने पंचों और समाज के पदाधिकारियों के खिलाफ परिवाद दिया है । प्रार्थी गोपाल गाडरी ने बताया की उसकी एक विवादित खेत की जमीन है जिस पर कोर्ट का स्टे लगा हुआ है । उसके काका हीरालाल गाडरी उस पर निर्माण कार्य करवा रहे थे जिसे उसने रुकवा दिया । आक्रोशित काका ने समाज की पंचायत बुलाई जिसमे उसे पंचो द्वारा समाज से बहिष्कृत करवा दिया और उसके परिवार का हुक्का पानी बंद करवा दिया । पीड़ित ने बताया की उसे जबरन परेशान किया जा रहा है एसपी से न्याय की गुहार लगाते हुए समाज में उसे वापस शामिल करने की मांग की है परिवार ने की है । गोपाल ने बताया की उसे धमकी दी गई है की जब तक खेत की जमीन पर उसके काका द्वारा करवाया जा रहा निर्माण कार्य शुरू नही होता तब तक परिवार समाज से बहिष्कृत रहेगा जिससे कोई भी समाज का व्यक्ति ताल्लुक नही रखेगा न ही उसके घर मे किसी भी आयोजन में कोई शरीक होगा । इस बात एस परेशान होकर परिवार वाले पुलिस अधीक्षक कार्यालय पहुंचे और परिवाद दर्ज करवाते हुए एसपी से न्याय की गुहार लगाई ।