बिजोलिया :कस्बे में नवगठित नगर पालिका में प्रशासन की नियुक्ति के साथ ही जनता नगर पालिका के अधिकारो से परिचित नहीं होने से पशोपेश की स्थित में है । यहाँ वर्तमान में अतिक्रमण पर कार्रवाई और पट्टो पर प्रशासन के बयान ने खलबली मचा दी है । लेकिन जानकारी में सामने आया है की दोनों ही स्थिति में पालिका प्रशासन को सीधे सीधे तौर पर कार्रवाई करने का अधिकार है । यदि ऐसा ही रहा तो बिजौलिया में आने वाले समय में हजारो खाली पड़े भूखंड नीलाम किए जा सकते है । जिसका सीधा फ़ायदा आम जनता को मिलना तय है ।ग्राम पंचायत द्वारा जारी किए गए पट्टों पर भवन निर्माण न करने की स्थिति में नगर पालिका द्वारा की जाने वाली कार्रवाई, राज्य के संबंधित कानूनों और ग्राम पंचायत तथा नगर पालिका के अधिकार क्षेत्र पर निर्भर करती है। हालांकि, सामान्यतः नगर पालिका एक्ट में निम्नलिखित प्रावधान लागू होते हैं
1. ग्राम पंचायत द्वारा जारी पट्टे की शर्तें
ग्राम पंचायत द्वारा जारी पट्टों में अक्सर यह शर्त होती है कि पट्टेदार को एक निर्धारित अवधि के भीतर भवन निर्माण करना होगा। यदि यह शर्त पूरी नहीं की जाती है, तो:
• पट्टा रद्द किया जा सकता है: संबंधित ग्राम पंचायत या नगरपालिका (यदि भूमि अब नगर पालिका के अधिकार क्षेत्र में है) उस पट्टे को रद्द कर सकती है।
• भूमि वापस ली जा सकती है: शर्तों के उल्लंघन पर पट्टे की भूमि को सरकारी रिकॉर्ड में वापस दर्ज किया जा सकता है।
2. नगर पालिका के अधिकार
यदि भूमि ग्राम पंचायत से नगर पालिका के अधिकार क्षेत्र में आ गई है, तो:
• भवन निर्माण का निर्देश: नगर पालिका संबंधित पट्टेदार को भवन निर्माण के लिए नोटिस जारी कर सकती है।
• • शर्तों की जांच: नगर पालिका पट्टे की शर्तों की जांच कर यह तय कर सकती है कि क्या निर्माण न होने पर कोई कार्रवाई की जा सकती है।
• • पुनः आवंटन या नीलामी: यदि पट्टा रद्द होता है, तो भूमि का पुनः आवंटन या नीलामी नगर पालिका द्वारा की जा सकती है।
3. नोटिस जारी करना
नगर पालिका द्वारा आमतौर पर निम्न प्रक्रिया अपनाई जाती है:
1. नोटिस जारी करना: पट्टेदार को कारण बताने के लिए नोटिस दिया जाता है कि क्यों शर्तों का उल्लंघन हुआ।
2. समय सीमा देना: भवन निर्माण के लिए एक समय सीमा निर्धारित की जाती है।
3. कार्रवाई: यदि निर्धारित समय में निर्माण नहीं किया जाता है, तो पट्टा रद्द करने या भूमि जब्त करने की कार्रवाई की जा सकती है।
4. अवैध कब्जे की स्थिति में कार्रवाई
यदि पट्टेदार ने भूमि का उपयोग अन्य उद्देश्यों के लिए किया है या बिना निर्माण किए कब्जा बनाए रखा है, तो:
नगर पालिका उसे अतिक्रमण मानते हुए कार्रवाई कर सकती है।
भूमि को सरकारी संपत्ति के रूप में अधिग्रहित किया जा सकता है।
निष्कर्ष
नगर पालिका यह सुनिश्चित करने के लिए कार्रवाई कर सकती है कि पट्टेदार पट्टे की शर्तों का पालन करें। अगर पट्टा रद्द होता है, तो भूमि का उपयोग सार्वजनिक लाभ के लिए किया जा सकता है।