कोटा। स्मार्ट हलचल|राजस्थान फार्मासिस्ट कर्मचारी संघ (एकीकृत) जिला कोटा शाखा ने निःशुल्क दवा वितरण योजना से जुड़े मुद्दों को लेकर मुख्यमंत्री, चिकित्सा मंत्री और चिकित्सा निदेशक के नाम ज्ञापन सौंपा। संघ के पदाधिकारियों ने यह ज्ञापन जिला कलक्टर पीयूष सामरिया एवं मुख्य चिकित्सा एवं स्वास्थ्य अधिकारी डा. नरेन्द्र नागर (सीएमएचओ) के माध्यम से प्रेषित किया। ज्ञापन सौंपने वालों में जिलाध्यक्ष डॉ. महावीर प्रसाद खींची के साथ मुरारी लाल नागर, जगदीश मीना, सुरेश कुमार, संजय यादव सहित कोटा जिले के अनेक फार्मासिस्ट उपस्थित रहे।
संघ के जिलाध्यक्ष डॉ. महावीर प्रसाद खींची ने बताया कि निःशुल्क दवा वितरण योजना राज्य की जनस्वास्थ्य व्यवस्था के लिए एक महत्वपूर्ण पहल है, परंतु हाल ही में सीकर जिले में कफ सीरप से जुड़े प्रकरण में संबंधित फार्मासिस्ट को सीधे दोषी ठहराना अनुचित है। उन्होंने कहा कि फार्मासिस्ट संवर्ग के हित में संवेदनशील निर्णय आवश्यक हैं। संघ ने निलंबित फार्मासिस्ट पप्पू सोनी को शीघ्र बहाल करने की मांग करते हुए कहा कि प्रकरण की निष्पक्ष जांच के लिए एक उच्च स्तरीय समिति गठित की जाए, जिसमें एक फार्मासिस्ट ग्रेड प्रथम को भी शामिल किया जाए ताकि जांच पारदर्शी ढंग से पूरी हो सके।
संघ ने सरकार से यह भी आग्रह किया कि चिकित्सक की अनुपस्थिति में दवा पर्ची लिखने एवं दवा वितरण से संबंधित स्पष्ट गाइडलाइन जारी की जाए। डॉ. खींची ने कहा कि प्रशिक्षित फार्मासिस्टों को सीमित संख्या में दवाओं को रोगी पर्ची पर लिखने का अधिकार दिया जाना चाहिए, ताकि चिकित्सक की अनुपस्थिति में भी रोगियों को समय पर उपचार मिल सके।
इसके अतिरिक्त ज्ञापन में यह भी मांग की गई कि जिन चिकित्सा संस्थानों में रोगी भार 120 से अधिक है, वहां अतिरिक्त डीडीसी हेल्पर नियुक्त किए जाएं तथा डीडीसी और सब-स्टोर का चार्ज अलग-अलग कार्मिकों को सौंपा जाए। दवाओं के सुरक्षित भंडारण हेतु सब-स्टोर और डीडीसी का तापमान नियंत्रित रखने के लिए एयर कंडीशनर, कूलर एवं पंखों की पर्याप्त व्यवस्था सुनिश्चित करने की आवश्यकता पर भी बल दिया गया।


