महासाध्वी कुमुदलताजी म.सा. की नवरात्र में अखण्ड मौन साधना पूर्ण होने पर महामांगलिक 2 अक्टूबर को
महेन्द्र नागोरी
भीलवाड़ा|स्मार्ट हलचल|नवरात्रि के दौरान भीलवाड़ा में आध्यात्मिक चातुर्मास आयोजन समिति द्वारा सुभाषनगर श्रीसंघ के तत्वावधान में दिवाकर कमला दरबार में धर्मसभा आयोजित की गई। इस अवसर पर स्वर साम्राज्ञी डॉ. महाप्रज्ञाजी म.सा. ने कहा कि माता रानी को खुश करना है तो घर पर मां को प्रसन्न रखना चाहिए। उन्होंने कहा कि मां ममता की मूर्ति होती है और प्रत्येक मां अपनी संतान का भला चाहती है।
धर्मसभा के मुख्य बिंदु:
मां का महत्व: डॉ. महाप्रज्ञाजी म.सा. ने कहा कि मां का सम्मान करना और उन्हें खुश रखना बहुत महत्वपूर्ण है।
पुण्य कर्म: उन्होंने कहा कि हम ऐसे कर्म करें कि आने वाले समय में कर्म का भुगतान नहीं करना पड़े।
नवपद आयम्बिल ओली आराधना: महासाध्वी मंडल के सानिध्य में नवपद आयम्बिल ओली आराधना सोमवार, 29 सितंबर से प्रारंभ होगी जो 7 अक्टूबर तक चलेगी।
अखण्ड मौन साधना:-
महासाध्वी कुमुदलताजी म.सा. ने नवरात्रि में अखण्ड मौन साधना पूर्ण की, जो 2 अक्टूबर को महामांगलिक प्रदान करेंगी। इस महामांगलिक का लाभ प्राप्त करने के लिए अधिकाधिक श्रावक-श्राविकाओं को पहुंचने के लिए प्रेरणा दी जा रही है।
चातुर्मासिक आयोजन:-
चातुर्मासिक आयोजन के तहत महासाध्वी मण्डल के सानिध्य में 19 अक्टूबर को रूप चतुर्दशी पर सजोड़ा जाप का आयोजन होगा एवं 26 अक्टूबर को ज्ञानपंचमी पर्व मनाया जाएगा। इसी तरह 3 नवम्बर प्रसिद्ध वक्ता जैन दिवाकर चौथमलजी म.सा. की जयंति एवं गुरूणी मैया कमलावती जी म.सा. की पुण्य जयंति मनाई जाएगी।


