भीलवाड़ा । तीन साल पुराने एक पोक्सो मामले में आरोपित को विशिष्ट न्यायाधीश बालकृष्ण मिश्र पोक्सो कोर्ट ने सजा सुनाते हुए 20 साल कठोर कैद और 62 हजार रु जुर्माने से दंडित किया । विशिष्ट लोक अभियोजक धर्मेंद्र सिंह कानावत ने आरोप सिद्ध करने के लिए 20 गवाह और 41 दस्तावेज पेश किए । आरोपित विशाल दरोगा ने नाबालिग लड़की का पहले अपहरण किया था उसके बाद वह उसे जबरन दिल्ली ले गया वहां ले जाकर उसके साथ कई बार दुष्कर्म किया । मामला 2022 जून में जहाजपुर थाने में परिवादिया ने दर्ज कराया था । जिसमे बताया की उसकी नाबालिग भतीजी परिवादिया के पति को दुकान पर चाय देने गई उसके बाद वापस नहीं लौटी काफी इंतजार करने के बाद उसको सब जगह तलाश किया लेकिन फिर भी नही मिली उसके बाद थाने में नाबालिग की गुमशुदगी दर्ज करवाई । पुलिस ने मामले को गंभीरता से लिया और नाबालिग की तलाश शुरू की ओर उसे दस्तयाब करते हुए उसके बयान दर्ज किए जिसमे उसने बताया की आरोपित विशाल दरोगा से उसकी एक साल पहले जान पहचान हुई थी वह अक्सर मिला करते थे बात करते थे । एक दिन उसका फोन आया और आरोपित ने उसके दो दोस्तों को उसे लाने के लिए गाड़ी भेजने की बात कही दो युवक कार लेकर आए और नाबालिग को अपने साथ ले गए बीच रास्ते दोनो ने उसके साथ छेड़छाड़ की उसके बाद दोनो युवक फागी में उतार गए और आरोपित उसे जबरदस्ती दिल्ली ले गया और कमरा किराए पर लेकर उसे वहां रखा एक सप्ताह तक वह विशाल के साथ रही । विशाल ने इस दौरान उसके साथ कई बार दुष्कर्म किया । पुलिस ने आरोपित की तलाश शुरू कर उसे गिरफ्तार कर लिए और पोक्सो एक्ट में मामला दर्ज कर कोर्ट में चार्जशीट दाखिल की । सुनवाई के दौरान लोक अभियोजक ने 20 गवाह 41 दस्तावेज पेश किए तब जाकर आरोप सिद्ध हुआ । न्यायधीश मिश्र ने आरोपित को 20 साल कठोर कारावास और 62 हजार रु अर्थदंड से दंडित किया ।


