ओम जैन
शंभूपुरा।स्मार्ट हलचल|नेत्रदान महादान “मरकर भी किसी की आंखों में उजाला भर देना ही सच्चा जीवन है।” इसी महान संकल्प को साकार करते हुए, वैभव नगर सेन्थी चित्तौड़गढ़ निवासी विजय लक्ष्मी धर्मपत्नी पारसमल पोखरणा का आकस्मिक निधन होने पर उनके परिजनों ने अत्यंत मानवता और सेवा की भावना के साथ मरणोपरांत नेत्रदान का निर्णय लेकर एक अनुपम उदाहरण प्रस्तुत किया।
पोखरणा परिवार से दिवंगत के जेठ सोहनलाल, भतीजे अनिल, पुत्र अर्पित, पुत्रियां रीना, मीना, टीना, पुत्रवधू दिव्या एवं भ्राता डॉ दिनेश, दिलीप, सुनील, विनोद, वीरेंद्र कांठेड़ के आग्रह एवं उपस्थिति में महावीर इंटरनेशनल चित्तौड़गढ़ द्वारा नेत्रदान की प्रक्रिया पूर्ण करवाई गई।
इस पुनीत कार्य में नेत्रदान वीर लक्ष्मी लाल चंडालिया, सी पी जैन, लोकेश चोरड़िया, अभय संजेती की विशेष भूमिका रही।
महावीर इंटरनेशनल नेत्र चिकित्सालय के वसीम खान द्वारा कॉर्निया उत्सर्जन की प्रक्रिया सम्पन्न की गई।
प्राप्त दोनों नेत्रों से अब दो दृष्टिहीन व्यक्तियों को जीवन में प्रकाश मिलेगा एवं यह दिवंगत विजय लक्ष्मी की अमर विरासत बनकर समाज में प्रेरणा देती रहेगी।
महावीर इंटरनेशनल चित्तौड़गढ़ परिवार ने दिवंगत आत्मा को श्रद्धांजलि अर्पित कर इस अद्वितीय सेवा कार्य हेतु पोखरणा परिवार के प्रति हृदय से आभार व्यक्त किया।


