सुनील बाजपेई
कानपुर। यहां सेन पश्चिम पारा कैटरीना हमले के गवाह विमल गौतम की अपहरण के बाद हत्या मामले में आरोपियों की तलाश तेज कर दी गई है। इस बीच पुलिस पर भी आरोप लगाया गया है जिसके मुताबिक अगर सूचना के आधार पर तत्काल कार्रवाई की जाती तो विमल की जान बचाई जा सकती थी।
आरोप है कि रात करीब साढ़े नौ बजे अपहरण की घटना होने के बाद परिजनों ने पुलिस को सूचना दे दी थी, लेकिन रिपोर्ट अगले दिन दर्ज हुई। घरवालों का आरोप है कि पुलिस ने कोई कार्रवाई नहीं की, जिसका नतीजा है कि उनकी हत्या कर दी गई।
फिलहाल मामले में
पुलिस द्वारा मुख्य हत्यारोपी इरफान को इटावा से उठाये जाने की भी खबर है, लेकिन अब तक गिरफ्तारी नहीं दिखाई है। उसकी सफेद कार भी इटावा से मिली है। जबकि थाना प्रभारी के मुताबिक कार इरफान के रमईपुर स्थित घर से मिली है।
सूत्रों से मिली जानकारी के मुताबिक पुलिस की जांच में सामने आया कि खागल पासवान और विमल से विवाद के बाद इरफान बिनगवां गांव छोड़कर रमईपुर में शटरिंग का काम करने लगा। बिनगवां में शटरिंग का काम मिलने से वह पिछले एक सप्ताह से गांव में नजर आ रहा था। हत्याकांड में गांव के अन्य लोगों की भी शामिल होने की आशंका व्यक्त की गई। अधिकारियों के मुताबिक टीमों का गठन कर आरोपियों की तलाश बहुत तेजी से की जा रही है।