राकेश मीणा
स्मार्ट हलचल,गोवा|आज रविवार को गोवा के आदिवासियों को राजनीतिक आरक्षण की मांग को लेकर मुख्यमंत्री प्रमोद सावंत को गोवा सरकार के पूर्व मंत्री प्रकाश वेलिप, राष्ट्रीय आदिवासी एकता मंच के राष्ट्रीय अध्यक्ष यशवंत दरबार, राष्ट्रीय आदिवासी एकता मंच के राष्ट्रीय महासचिव राकेश मीणा पत्रकार के नेतृत्व में ज्ञापन सौंपा ज्ञापन में बताया कि गोवा के आदिवासीयो को 20वर्षों से राजनितिक आरक्षण नहीं मिला है 2003 में गोवा में गवाड़ा, कुनबी और वेलिप समुदाय को अनुसूचित जनजाति की सूची में शामिल किया गया था.
गोवा की कुल आबादी में करीब 10.47 प्रतिशत ST है. इसके बावजूद राज्य की विधानसभा में एक भी सीट अनुसूचित जनजाति के लिए आरक्षित नहीं है गोवा विधानसभा में अनुसूचित जनजाति के लिए सीटें आरक्षित करने की मांग कई बार की जा चुकी है राजनितिक आरक्षण को लेकर देश के आदिवासी समाज में आक्रोश है राजनीतिक आरक्षण के लंबे समय से लंबित मुद्दे का समाधान कर सके और राज्य के गवाड़ा, कुनबी और वेलिप समुदायों को न्याय मिल सके. गोवा की अनुसूचित जनजातियों को उनके राजनीतिक आरक्षण के संवैधानिक अधिकार से वंचित रखा गया है. इससे पहले भी कई बार आदिवासी समुदायों ने विधानसभा में ST के लिए सीटें आरक्षित करने की मांग की थी.
दरअसल 2011 की जनगणना के अनुसार राज्य की कुल आबादी में अनुसूचित जनजाति का हिस्सा 10. 23 प्रतिशत है. गोवा में 2 ज़िले है – उत्तरी गोवा और दक्षिण गोवा. उत्तरी गोवा में 6.92 प्रतिशत आबादी अनुसूचित जनजाति से है इस मौके पर प्रकाश वेलिप पूर्व मंत्री गोवा सरकार,यशवंत सिंह दरबार राष्ट्रीय अध्यक्ष सैल्यूट तिरंगा के राष्ट्रीय अध्यक्ष राजेश झा, राष्ट्रीय आदिवासी एकता मंच, शिवजी राम मीणा राष्ट्रीय उपाध्यक्ष राष्ट्रीय आदिवासी एकता मंच, राकेश मीणा पत्रकार राष्ट्रीय महासचिव, क्रेडिट कोऑपरेटिव सोसाइटी के अध्यक्ष दुर्गादास गावडे, विश्वास गांवडे वर्किंग प्रेसिडेंट यूनाइटेड ट्राईबल एसोसिएशन एलाइंस गोवा, सतीश भाई गोवा एग्जिटयू मेंबर, सुभाष कुट्टी कर एग्जिटयू मेंबर उठा, बालचंद्र उजागांवकर executive member उठा, महाराष्ट्र प्रदेश अध्यक्ष रमेश गोंड, लकी जादव, एडवोकेट हेमराज मीणा इंदरजीत सिंह मीणा, प्रदेश अध्यक्ष मदन सोनी, निशांत मेवाड़ा रामेश्वर खण्डेलवाल मोजूद थे