भीलवाड़ा/पोलियो से बचाव व टिटनेस के टीकों के बाद जिस तरह से कोरोना काल में देशवासियों को सुरक्षित करने और जानलेवा वायरस से बचाव के लिए केंद्र सरकार ने तत्परता दिखाते हुए वेक्सीन बनाई और तीन चरणों में कोरोना वेक्सीन लगाकर देशवासियों की जान बचाई। उसी तरह से अगर भारत सरकार मिर्गी जैसी बीमारी के लिए भी कोई टीका या वेक्सीन तैयार करे तो एक या दो खुराक के बाद रोगी को तीन साल तक दवा लेने से बचाया जा सकता है। यह बात श्री प्राज्ञ मिर्गी रोग निवारक समिति, गुलाबपुरा एवं जेएनयू सुपर मल्टीस्पेशिलिटी हॉस्पिटल, जयपुर के संयुक्त तत्वाधान में आयोजित होने जा रहे निःशुल्क सुपर स्पेशिलिटी चिकित्सा परामर्श एवं जाँच शिविर की पत्रकार वार्ता के दौरान उठी। पत्रकार वार्ता के दौरान समिति के घेवरचंद श्रीमाल ने बताया की शिविर में प्लास्टिक सर्जन, कैंसर रोग, हृदय रोग, मूत्र, गुर्दा एवं पथरी रोग, हड्डी एवं जोड़ प्रत्यारोपण रोग सहित कान, नाक गला रोग के विशेषज्ञ आएँगे। जबकी ब्लड प्रेशर, ब्लड शुगर व ई.सी.जी. की जांचें भी की जाएगी।
पदमचंद खटोड़ ने कहा की श्री प्राज्ञ मिर्गी रोग निवारक समिति, गुलाबपुरा मिर्गी रोग के लिए समर्पित संस्थान है जहाँ 16 राज्यों के 70 जिलों से मरीज आते हैं। हाल ही में संस्थान ने इंटरनेशनल ब्यूरो फॉर एपिलिप्सी की सदस्यता भी प्राप्त की है। संस्थान का मुख्य उद्धेश्य कमजोर वर्ग के मरीजों को व्यापक और सुलभ मिर्गी की चिकित्सा प्रदान करना है। संस्थान द्वारा महीने में 4 बार कैम्प आयोजित किए जाते हैं जिनमें विशेषज्ञों की सेवाएँ प्रदान की जाती है। शिविरों के अतिरिक्त प्रति माह 1500 मरीज यहाँ ईलाज हेतु आते है। प्रज्ञा मिर्गी रोग निवारक समिति ने प्रभावी चिकित्सा सेवा में उल्लेखनीय सफलताएँ प्राप्त की हैं। हमारे समर्पित प्रयासों के चलते, 2015 में प्रति माह 1 शिविर से शुरू करके अब प्रति माह 4 शिविरों तक की महत्वपूर्ण प्रगति हुई है। 30 सितंबर 2024 तक कुल 192 शिविरों का आयोजन किया जा चुका है, जिनमें प्रति शिविर औसतन 115 रोगियों की उपस्थिति रही है। शिविरों के अतिरिक्त, हर महीने लगभग 1500 मरीज नियमित रूप से हमारे यहाँ आते हैं, जहाँ उन्हें सर्वोत्तम संभव उपचार और देखभाल प्रदान की जाती है। हम उन रोगियों के लिए आशा और उपचार का स्रोत बनने पर गर्व महसूस करते हैं, जो दूर-दराज से, यहाँ तक कि कोविड-19 के चुनौतीपूर्ण समय में भी, हमारी चिकित्सा सेवाओं का लाभ लेने आते थे। 160×190 फीट के विशाल भूखंड पर स्थित हमारा परिसर अस्थायी रात्रि आवास की सुविधा प्रदान करता है, जिससे हमारे सभी आगंतुकों को आराम और संपूर्ण देखभाल सुनिश्चित की जाती है।
*समिति का लक्ष्य, दृष्टिकोण और उद्देश्य एक नजर में*
समिति का मिशन कमजोर वर्ग के समुदायों को व्यापक और सुलभ मिर्गी देखभाल और समर्थन प्रदान करना है, यह सुनिश्चित करते हुए कि कोई भी आर्थिक कठिनाइयों के कारण उपचार से वंचित न रहे। हम उच्च गुणवत्ता वाली मिर्गी चिकित्सा को सभी के लिए उपलब्ध कराने के लिए प्रतिबद्ध हैं, चाहे उनकी सामाजिक-आर्थिक स्थिति कुछ भी हो। अपने प्रयासों के माध्यम से, हम मिर्गी से प्रभावित लोगों के जीवन की गुणवत्ता में सुधार करने का प्रयास करते हैं। जबकि दृष्टिकोण मिर्गी देखभाल, जागरूकता और अनुसंधान में उत्कृष्टता का अग्रणी केंद्र बनाना है, करुणा भाव और समर्पण से जीवन को बदलना चाहते है। हम एक प्रसिद्ध संस्थान बनाना चाहते हैं, जो रोगी देखभाल, अत्याधुनिक अनुसंधान और प्रभावी सामुदायिक आउटरीच कार्यक्रमों के प्रति अपनी प्रतिबद्धता के लिए जाना जाए। समिति का लक्ष्य जरूरतमंदों को उच्चस्तरीय मिर्गी उपचार प्रदान करना, शिक्षा और आउटरीच कार्यक्रमों के माध्यम से मिर्गी के प्रति जागरूकता बढ़ाना, मिर्गी से पीड़ित लोगों (PWE) के सामाजिक-आर्थिक पुनर्वास में सहयोग करना, उन्नत सुविधाओं और तकनीक के माध्यम से मरीजों की देखभाल को बेहतर बनाना, और मिर्गी उपचार में अनुसंधान और विकास के लिए चिकित्सा संस्थानों के साथ सहयोग करना हैं। इन लक्ष्यों के माध्यम से, हम मिर्गी रोगियों के जीवन में सकारात्मक बदलाव लाने का प्रयास करते हैं।
*शिविर में ये चिकित्सक देंगे अपनी सेवाएं..*
निशुल्क चिकित्सा शिविर में डॉक्टर आर.के. सुरेखा, डॉ अमित अग्रवाल, डॉक्टर विक्रम बोहरा, डॉक्टर भागीरथ मीणा, डॉक्टर गिरधारी गुप्ता, डॉक्टर राजेंद्र चांडक अपनी सेवाओं से मरीजों को लाभान्वित करेंगे।