पुनित चपलोत
भीलवाड़ा । भीलवाड़ा में पूर्व राजस्व मंत्री रामलाल जाट के समधी रत्नाकर ग्रुप के मालिक शंकर लाल जाट के बिजनेस ठिकानों पर छापे मारे गए हैं।
जयपुर जोनल के डायरेक्टोरेट जनरल जीएसटी इंटेलिजेंस (DGGI) की टीम ने गुरुवार को रेड मारी थी। इस मामले में अब तक 30 करोड़ की टैक्स चोरी का खुलासा हुआ है।
जानकारी के अनुसार बिजनेसमैन को 18 करोड़ रुपए तुरंत जमा कराने थे, नहीं तो गिरफ्तारी हो सकती थी।
रत्नाकर ग्रुप के शंकर लाल चौधरी ने शुक्रवार देर शाम को 20 करोड़ की पेनल्टी जमा करा दी। अब वे बकाया रिकवरी अमाउंट 6 महीने में जमा करा सकेंगे। इससे गिरफ्तारी फिलहाल टल गई है।
*करोड़ों की टैक्स चोरी का अनुमान*
DGGI की जांच में सामने आया कि रत्नाकर ग्रुप ने फर्जी चालानों के जरिए फर्जीवाड़ा किया है। उन्होंने इस घोटाले से सरकार को करोड़ों रुपए का नुकसान पहुंचाया है। इसका टैक्स करीब 75 से 80 करोड़ रुपए बनता है। टीम रत्नाकर ग्रुप से जुड़े कई लोगों से पूछताछ कर रही है। अधिकारियों को शक है कि फर्जी बिलिंग का नेटवर्क राजस्थान के कई जिलों में फैला हुआ है। जल्द ही कुछ और कारोबारी भी जांच के घेरे में आ सकते हैं।
इसमें वस्तु या सेवाओं की कोई रियल सप्लाई नहीं होती। केवल कागजों पर वस्तुओं को बेचना या खरीदना दिखाया जाता है और इनपुट टैक्स क्रेडिट के जरिए पैसा क्लेम किया जाता है।
अधिकारियों का कहना है कि आने वाले दिनों में भीलवाड़ा के कुछ और व्यापारी और फर्मों पर कार्रवाई हो सकती है। पूर्व राजस्व मंत्री के रिश्तेदार के यहां छापेमारी से व्यापारियों में खलबली मच गई।
कारोबारी इसे जीएसटी विभाग की सबसे बड़ी कार्रवाई मान रहे हैं। इधर इस कार्रवाई ने राजनीतिक गलियारों में भी खलबली मचा दी है। शुक्रवार को दिनभर रत्नाकर ग्रुप के ठिकानों पर सर्च जारी रहा। देर शाम टीम डॉक्युमेंट्स के साथ जयपुर रवाना हो गई।