नपा मुख्यालय पर बिजली कटौती से कस्बे वासी परेशान, विधुत बाधा से जलापूर्ति भी होती है प्रभावित
दिनेश लेखी
कठूमर। स्मार्ट हलचल।उपखंड मुख्यालय पर विद्युत व्यवस्था बुरी तरह गड़बड़ा चुकी है। मेटेनेस, शट डाउन के नाम पर रोजाना घंटों बिजली काटी जा रही है। जिससे इस भीषण गर्मी में कस्बे वासियों को दोहरी मार झेलनी पड़ रही है। मगर सुनने और कहने वाला कोई नहीं है। बिजली कटौती का काम सुबह से ही शुरू हो जाता है। और दिन में कब और कितने देर तक बिजली कट जाये पता नहीं है। बिजली का शाम व रात का भी पता नहीं रहता है बिजली की जबरदस्त कटौती के कारण लोगों के दैनिक कार्य भी नहीं हो पा रहे हैं। जब लोग इसकी शिकायत करते हैं तो मेंटेनेंस और गड़बड़ी के चलते बिजली काटने की बात आला अधिकारी करते हैं। जरा सी बरसात या अंधड़ आने पर बिजली का कटना तय हो जाता है। मंगलवार शाम को बारिश के बाद उपखंड मुख्यालय सहित ग्रामीण इलाकों की विधुत आपूर्ति ठप्प हो गई। और आठ दस घंटे बाद रात्रि दो बजे के करीब कस्बे की विधुत आपूर्ति ठप्प हो गई। इतनी देर बिजली नहीं आने से लोगों के इनवर्टर आदि ने भी साथ छोड दिया। और बारिश के बाद उमस व गर्मी से लोगों का हाल बेहाल हो गया। और घंटों लाइट आने का इंतजार करते रहे। इसके अलावा अनेक गांवों में देर तक बिजली व्यवस्था सुचारू हो पाई।
विभाग के अनुसार 33 केवी स्टेशन को आने वाली सप्लाई के पोल गिर जाने बाद में लाइन में फाल्ट आने के कारण विधुत सप्लाई दुरुस्त करने में देरी हुई। बुधवार को भी विधुत टावर लगाने के कार्य के चलते दिन में घंटों बिजली बाधित रही। शहर की विद्युत व्यवस्था राम भरोसे चल रही है। पता नहीं कब लाइट काट दी जाए। कोई भरोसा नहीं। लेकिन भीषण गर्मी में घंटों लाइट काटना लोगों की जिंदगी के साथ खिलवाड़ करने के जैसा है। क्योंकि इस भीषण गर्मी में लाइट ना होने से बच्चे और बुजुर्गों की सेहत खराब हो सकती है। शहरवासी उमस भरी गर्मी में बगैर कूलर और पंखों के रहने को मजबूर है।
कहने को तो कठूमर नगरपालिका मुख्यालय है लेकिन बिजली आपूर्ति की बात करें तो क्षेत्र के अन्य छोटे छोटे गांवों की तुलना में कस्बा काफी पीछे नजर आता है। इस तरह के हालात किसी ग्रामीण परिवेश में रहने जैसा महसूस कराते हैं।
पारस जैन निवासी कठूमर
बिना बिजली के ना केवल बल्कि अधिकतर व्यापार भी बिजली की आपूर्ति पर आधारित हैं ऐसे में लोगों के रोजगार पर भी संकट आता है। इसके अलावा कस्बे की पेयजल सप्लाई भी बिना बिजली के जबरदस्त तरीके से प्रभावित होती है। शैलू अग्रवाल कठूमर
बरसात के दिनों में लाइट का चला जाना किसी बुरे सपने से कम नहीं होता क्योंकि जमीन से निकलने वाले जहरीले कीड़े मकोड़े काटने का डर बना रहता है। हर समस्या को अपनी प्राथमिकता बताने वाले जिम्मेदार लोग भी इस ओर ध्यान नहीं दे रहे हैं। विकास शर्मा निवासी कठूमर
मंगलवार को तेज वर्षा व अंधड़ के कारण विधुत टावर गिर गया था ,देर रात सप्लाई सुचारू कर दी गई। बुधवार को टावर सही करने को लेकर शट डाउन लिया गया। विभाग कस्बे की विधुत व्यवस्था सुचारू करने को लेकर संकल्पित है।और जल्दी ही सकारात्मक परिणाम सामने आएंगे।
कृष्ण गोपाल शर्मा सहायक अभियंता विद्युत निगम कठूमर