लोगों का कहना है कि पुल निर्माण में गुणवत्ता का कोई ख्याल नहीं रखा गया था। पुल में इस्तेमाल की गई सामग्रियों की गुणवत्ता काफी खराब है। इसलिए अररिया के बकरा नदी पर जैसे पुल हादसा हुआ था, वैसा ही हाल यहां भी हुआ।लोगों ने कहा कि अब सवाल उठता है कि ढलाई के वक्त ही पूल ध्वस्त हो जा रहा है। इसकी गुणवत्ता क्या होगी? इसके लिए कौन जिम्मेवार है? बिहार सरकार इस मामले की जांच करे और जिम्मेदार लोगों पर कार्रवाई करे।
अररिया के ब्रिज की तरह यह पुल भी निर्माणाधीन था। पुल का अधिकांश हिस्सा बनकर तैयार हो चुका था, लेकिन रविवार को पुल धड़ाम हो गया।
बकरा नदी पर बना पुल उद्घाटन से पहले ही धवस्त हो गया। पुल का निर्माण लगभग पूरा हो गया था।
सात करोड़ रुपये से भी अधिक की लागत से बने इस पुल का निर्माण, पहले बने पुल की एप्रोच कट जाने के बाद कराया गया था।
सिवान जिले के महाराजगंज में पटेढ़ा गांव स्थित नहर पर बना नहर पुल अचानक ध्वस्त हो गया।
पुल टूटने के कारण आसपास के दर्जनों गांव का संपर्क टूट गया। यह पुल काफी पुराना था और मिट्टी के कटाव के कारण ब्रिज ध्वस्त हो गया।