सुभाषनगर में महासाध्वी मण्डल के मुखारबिंद से जिनवाणी सुनने उमड़े श्रावक-श्राविकाएं
भीलवाड़ा,20 जुलाई। संत के आगमन से नगर पावन हो जाता है। संत आने से सब सोना ही सोना हो जाता है ओर संत चले जाए तो सब सूना हो जाता है। संतों से मिलने वाले मंत्र हमारे लिए औषधि का कार्य करते है ओर शरीर की नकारात्मक उर्जा को समाप्त करते है। तपस्या हमारे जीवन को निर्मल ओर पावन बना देती है। जो तपता है वहीं जीवन में सुख पाता है। दुःख को देखे बिना व्यक्ति को सुख का अहसास नहीं हो सकता है। ये विचार अनुष्ठान आराधिका ज्योतिष चन्द्रिका महासाध्वी डॉ. कुमुदलताजी म.सा. ने रविवार को आध्यात्मिक चातुर्मास आयोजन समिति द्वारा सुभाषनगर श्रीसंघ के तत्वावधान में आयोजित धर्मसभा में व्यक्त किए। उन्होंने कहा कि जैनियों के धर्मग्रंथ को आगम कहा जाता है जो हमारे मार्गदर्शक होने के साथ हमारी पहचान भी है। आगम संतो के सुरक्षा कवच है ओर संत उनका वाचन करते है। स्वर साम्राज्ञी महासाध्वी महाप्रज्ञाजी म.सा. ने भक्ति के विषय पर चर्चा करते हुए कहा कि जीवन में हमेशा दो मार्ग होते है भोग ओर भक्ति, अंधकार ओर प्रकाश,कंकर ओर शंकर। भक्ति के मार्ग पर चले तो जीवन संवर जाता है। हम पसंद प्रकाश वाले भक्ति का मार्ग करते है पर चलते अंधकार वाले भोग के मार्ग पर जिस कारण जिंदगी में भटकाव बना रहता। उन्होंने कहा कि हमारा मन परमात्मा की भक्ति नहीं करने देता है। मन यदि भक्ति में रम गया तो फिर किसी तीर्थं पर जाने की जरूरत नहीं रह जाएगी। नशे के खतरे से युवा पीढ़ी को बचाने की प्रेरणा देते हुए कहा कि नशा करना है तो परमात्मा की भक्ति ओर धर्म का करो जीवन सुधर जाएगा। प्रवचन के शुरू में विद्याभिलाषी साध्वी राजकीर्तिजी म.सा. ने सुखविपाक सूत्र का वाचन करते हुए कहा कि जिस धरती पर संतो के चरण पड़ते है वह तीर्थ बन जाती है। धर्मसभा में वास्तुशिल्पी साध्वी पद्मकीर्तिजी म.सा. का भी सानिध्य प्राप्त हुआ। युवा सुश्रावक सिद्धार्थ डांगी ने महासाध्वी कुमुदलताजी म.सा. के मुखारबिंद से नौ उपवास की पच्चक्खावनी ली तो अनुमोदना में हर्ष हर्ष के जयकारे गूंज उठे। तपस्वी डांगी का चातुर्मास समिति द्वारा स्वागत अभिनंदन किया गया। धर्मसभा में कई श्रावक-श्राविकाओं ने तेला,बेला,उपवास,आयम्बिल, एकासन, तप के प्रत्याख्यान भी लिए। धर्मसभा में बेंगू से पधारे मजिस्ट्रेट पीयूष ढेलिया, गंगापुर से संघ लेकर पधारे मनीष सांखला, सहाड़ा से संघ लेकर पधारे सुरेश संचेती, सहाड़ा संघ अध्यक्ष प्रकाश संचेती सहित विभिन्न स्थानों से पधारे अतिथियों का स्वागत चातुर्मास आयोजन समिति के अध्यक्ष दौलतमल भड़कत्या,सचिव राजेन्द्र सुराणा, सुभाषनगर श्रीसंघ के अध्यक्ष हेमन्त कोठारी, मंत्री बंशीलाल बोहरा, राजेन्द्र गोखरू,विक्रम डूंगरवाल,हनुमान गोखरू,अनिल कोठारी,दिनेश डांगी,राजेन्द्र चण्डालिया,महिला मण्डल की अध्यक्ष निर्मला भड़कत्या, पुष्पा गोखरू आदि के द्वारा किया गया।
*प्रशनमंच में उत्साह के साथ महिलाओं ने की सहभागिता*
वास्तुशिल्पी साध्वी पद्मकीर्तिजी म.सा. एवं विद्याभिलाषी साध्वी राजकीर्तिजी म.सा. के सानिध्य में महिलाओं के लिए प्रश्नमंच का आयोजन किया गया। इसमें बड़ी संख्या में महिलाओं ने उत्साह के साथ सहभागिता की। प्रश्नमंच में सरोज लोढ़ा, स्वेच्छा बुलिया एवं सुमन सेंचंती के गुप ने प्रथम, इंदिरा चौरड़िया, वर्षा मोदी एवं सुमित्रा छाजेड़ के ग्रुप ने द्वितीय एवं मधु चण्डालिया,प्रियंका खारीवाल एवं सुनीता खारीवाल के ग्रुप ने तृतीय स्थान प्राप्त किया। प्रश्नमंच का संयोजन महिला मण्डल की निर्मला भड़कत्या, लाड़ मेहता, टीना बाफना, किरण सेठी, शकुन्तला खमेसरा, सुनीता गांधी, नेहा छाजेड़ आदि ने किया।