राजस्थान के 3500 योग प्रशिक्षकों की आवाज़: फुल टाइम वेतन और स्थायीत्व चाहिए
आयुर्वेद औषधालयों में वर्षों से सेवा दे रहे योग प्रशिक्षकों की अनदेखी क्यों?
राजकीय आयुर्वेद औषधालयों के योग प्रशिक्षकों ने फुल टाइम वेतन, स्थायी पदों की मांग को लेकर दी चेतावनी – 10 दिन में कार्रवाई नहीं हुई तो होगा आमरण अनशन
अजय सिंह (चिंटू)
जयपुर-स्मार्ट हलचल|राजस्थान के राजकीय आयुर्वेद औषधालयों और पंचायत, विद्यालय स्तर पर वर्षों से सेवा दे रहे करीब 3500 महिला एवं पुरुष योग प्रशिक्षकों ने सरकार के सामने अपनी पुरानी मांगों को फिर से दोहराया है। प्रशिक्षकों ने सरकार से फुल-टाइम वेतन वृद्धि, स्थायी पदों का सृजन और राजस्थान Contractual Hiring to Civil Post Rules 2022 में शामिल करने की मांग की है।
सेवा, योगदान और वर्तमान स्थिति:
वर्ष 2021 में राष्ट्रीय आयुष मिशन के तहत राजस्थान में आयुष्मान आरोग्य मंदिरों पर इन प्रशिक्षकों की पार्ट टाइम आधार पर नियुक्ति की गई थी, जिसमें महिला योग प्रशिक्षकों को ₹5000 व पुरुषों को ₹8000 प्रतिमाह मानदेय तय किया गया था। बीते चार वर्षों में ये प्रशिक्षक गांव, विद्यालय और आयुर्वेद औषधालयों में नियमित योगाभ्यास सत्रों के माध्यम से हजारों लोगों को स्वस्थ जीवनशैली के लिए प्रेरित कर रहे हैं।
राज्य को दिलाई उपलब्धि, खुद उपेक्षित क्यों?
हाल ही में संपन्न हुए 11वें अंतरराष्ट्रीय योग दिवस के दौरान राजस्थान ने “संगम पोर्टल” पर सबसे अधिक सहभागिता के साथ देशभर में पहला स्थान प्राप्त किया। यह उपलब्धि भी इन्हीं प्रशिक्षकों की अथक मेहनत और समर्पण का प्रतिफल है। बावजूद इसके, इनकी सेवा की कोई स्थायीत्व गारंटी नहीं है, और ना ही वेतन में सुधार किया गया है।
राजनीतिक व सामाजिक पक्ष:
प्रशिक्षकों का कहना है कि राजस्थान विधानसभा चुनाव 2023 के दौरान भाजपा नेताओं ने आश्वासन दिया था कि सरकार बनते ही उनकी मांगें पूरी की जाएंगी। लेकिन वर्तमान में डबल इंजन सरकार होने के बावजूद अब तक कोई ठोस निर्णय नहीं लिया गया है।
इन प्रशिक्षकों ने 8 जुलाई 2025 को जयपुर के शहीद स्मारक पर शांतिपूर्ण धरना दिया था, जिसमें करीब 1500 योग प्रशिक्षकों ने भाग लिया। उस समय सरकार ने 10 दिन में निर्णय लेने का आश्वासन दिया था, लेकिन अब तक कुछ नहीं हुआ।
चेतावनी: 10 दिन में निर्णय नहीं, तो आमरण अनशन
अब प्रशिक्षकों ने साफ कर दिया है कि यदि 10 दिनों में मांगों पर कोई ठोस कार्यवाही नहीं हुई, तो वे प्रशासनिक अनुमति के साथ जयपुर में आमरण अनशन पर बैठेंगे। यह आंदोलन प्रदेशभर के 3500 प्रशिक्षकों के प्रतिनिधित्व में होगा।
प्रमुख मांगें
फुल टाइम वेतन वृद्धि (₹20,000 से ₹25,000 मासिक) की स्वीकृति।, स्थायी पदों का सृजन, राजस्थान Contractual Hiring to Civil Post Rules 2022 में समावेश।, PLP (Probation Linked Policy) के तहत नियमितीकरण।, सेवा आधारित वरिष्ठता और भविष्य की पदोन्नति नीति लागू हो।