मातमी धुन के बीच निकलेगा जुलूस, कर्बला पर ठंडा होंगे ताजिये
हरनावदाशाहजी. पैगम्बर हजरत इमाम हुसैन और उनके साथियों की शहादत की याद में मनाया जाने वाला मोहर्रम कस्बे में आस्था और अकीदत के साथ मनाने की तैयारियां जोरों पर हैं। कस्बे में मुस्लिम समुदाय द्वारा ताजियों को बनाने का कार्य दिन-रात चल रहा है, जिसमें बड़ी संख्या में युवा और बच्चे जुटे हुए हैं।
5 जुलाई की रात व 6 जुलाई की दोपहर को इमाम चौक, दरगाह, तथा अन्य विभिन्न स्थलों पर ताजिया मुकाम लगेंगे। इसके पश्चात रात्रि में फकीर मोहल्ला, बागरी मोहल्ला व कामखेड़ा मार्ग से होते हुए मातमी धुन के साथ ताजियों का जुलूस निकाला जाएगा, जो परवन नदी स्थित कर्बला पहुंचकर सम्पन्न होगा। वहाँ पर ताजियों को ‘ठंडा’ किया जाएगा।
कस्बे के फकीर मोहल्ले स्थित इमामबाड़ा में शहजाद उर्फ मुमताज, सदर तालिब शाह, आरिफ शाह, नफीस, तौफीक, अशरफ अली, दानिश शेख, फिदा हुसैन, मोइन अली, जुबेर, सोयब, फरदीन अली समेत कई युवा श्रद्धा और मेहनत से ताजिये तैयार कर रहे हैं। ढोल-ताशों के साथ मातमी धुन की आवाजें माहौल को गमगीन और श्रद्धापूर्ण बना रही हैं।
इस अवसर पर मुस्लिम समाज के आशु मंसूरी ने बताया कि मोहर्रम का महीना सब्र, शहादत, इंसाफ और इमान की कसौटी का प्रतीक है। 10वीं तारीख को ‘यौमे आशूरा’ मनाया जाएगा। अकीदतमंद 9 व 10 मोहर्रम को रोजा रखेंगे और देश, प्रदेश की अमन-चैन, भाईचारे और खुशहाली के लिए दुआ करेंगे।