Homeसोचने वाली बात/ब्लॉगकश्मीर में प्रधान मंत्री मोदी के योग दिवस मनाने के साथ खुलेगा...

कश्मीर में प्रधान मंत्री मोदी के योग दिवस मनाने के साथ खुलेगा कश्मीर की तरक्की का मार्ग

>अशोक भाटिया
स्मार्ट हलचल/जिस कश्मीर में पहले आतंकवाद फैला हुआ था और लाल चौक पर तिरंगा फहराना भी आसान नहीं था आज प्रधान मंत्री नरेंद्र मोदी इस वर्ष के अंतर्राष्ट्रीय योग दिवस को 21 जून (शुक्रवार) को श्रीनगर में मना रहे है , इस दौरान वह सभा को संबोधित करने के अलावा एक योग सत्र कार्यक्रम में भी भाग ले रहे है । योग के साथ – साथ प्रधानमंत्री मोदी जम्मू-कश्मीर में कई विकास परियोजनाओं का उद्घाटन और शिलान्यास कर रहे है । बयान में कहा गया है कि वह कृषि और संबद्ध क्षेत्रों में प्रतिस्पर्धात्मकता सुधार परियोजना (जेकेसीआईपी) भी लॉन्च करने के बाद प्रधानमंत्री 21 जून को सुबह लगभग 6:30 बजे श्रीनगर के एसकेआईसीसी में 10वें अंतर्राष्ट्रीय योग दिवस कार्यक्रम में भाग ले रहे है । वह इस अवसर पर सभा को संबोधित करेंगे और उसके बाद योग सत्र में भाग लेंगे। उपराज्यपाल मनोज सिन्हा के अनुसार अंतरराष्ट्रीय योग दिवस पर प्रधानमंत्री का यहां होना पूरी कश्मीर घाटी के लिए सम्मान की बात है। सिन्हा ने कहा, ‘अंतरराष्ट्रीय योग दिवस पर प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी का यहां होना पूरी घाटी के लिए सम्मान की बात है। वह 21 जून को डल झील के किनारे 7,000 से अधिक लोगों के साथ योग करेंगे।’
इस वर्ष का योग दिवस कार्यक्रम युवा मन और शरीर पर योग के गहरे प्रभाव को रेखांकित करता है। इस उत्सव का उद्देश्य वैश्विक स्तर पर स्वास्थ्य और कल्याण को बढ़ावा देने, योग के अभ्यास में हजारों लोगों को एकजुट करना है। 2015 से, प्रधान मंत्री मोदी ने दिल्ली, चंडीगढ़, देहरादून, रांची, लखनऊ, मैसूर और यहां तक कि न्यूयॉर्क में संयुक्त राष्ट्र मुख्यालय में कर्तव्य पथ सहित विभिन्न प्रतिष्ठित स्थानों पर अंतर्राष्ट्रीय योग दिवस (आईडीवाई) समारोह का नेतृत्व किया है।
इस वर्ष की थीम “स्वयं और समाज के लिए योग” व्यक्तिगत और सामाजिक कल्याण को बढ़ावा देने में दोहरी भूमिका पर प्रकाश डालती है। यह आयोजन जमीनी स्तर पर भागीदारी और ग्रामीण क्षेत्रों में योग के प्रसार को प्रोत्साहित करेगा। बयान में कहा गया है कि 20 जून को होने वाला कार्यक्रम- ‘युवाओं को सशक्त बनाना, जम्मू-कश्मीर को बदलना’- क्षेत्र के लिए एक महत्वपूर्ण क्षण था , जो प्रगति को प्रदर्शित करता है और युवा उपलब्धि हासिल करने वालों को प्रेरणा प्रदान करता है।
गौरतलब है कि 10 साल पहले संयुक्त राष्ट्र ने 21 जून को अंतरराष्ट्रीय योग दिवस के रूप में घोषित किया था और पिछले साल न्यूयॉर्क में संयुक्त राष्ट्र मुख्यालय में पीएम मोदी के नेतृत्व में योग के वैश्विक उत्सव का नेतृत्व किया गया था। आपको बता दें कि इस वर्ष प्रधान मंत्री नरेंद्र मोदी जम्मू और कश्मीर में रहना और उस समय डल झील के तट पर एक योग कार्यक्रम का नेतृत्व करना अंतरराष्ट्रीय समुदाय के लिए एक पॉजिटिव मैसेज होगा।
इसके अलावा इस यात्रा से जम्मू क्षेत्र में सिलसिलेवार आतंकी हमलों के बाद व्यापक चिंता को संतुलित करने की भी उम्मीद है। आपको बता दें कि आर्टिकल 370 हटाए जाने के बाद आतंकवादियों की प्रतिक्रिया और कश्मीर घाटी में रिकॉर्ड मतदान के बाद सुरक्षा पर सवाल उठने लगे हैं।
केंद्रीय मंत्री जितेंद्र सिंह ने कहा कि 21 जून को पीएम मोदी श्रीनगर में एक योग कार्यक्रम में हिस्सा लेंगे जिसमें उनके साथ करीब 9000 लोग योग करेंगे। जम्मू-कश्मीर के सभी 20 जिलों को वर्चुअली जोड़ने की योजना है। इस दौरान 2000 लोग हर जिले से जुड़ेंगे और जम्मू-कश्मीर से लगभग 50,000 लोग वर्चुअली जुड़ेंगे। इसका राज्यव्यापी असर होगा।
आपको ये भी बता दें कि लगातार हो रहे आतंकी हमलों के बीच जम्मू में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की उपस्थिति का मतलब सरकार के विश्वास और जम्मू-कश्मीर में शांति और समृद्धि के लिए दीर्घकालिक योजनाओं का संकेत देना है।
लोकसभा चुनाव के बाद और जम्मू-कश्मीर में विधानसभा चुनावों की आहट के बीच पीएम मोदी की इस यात्रा को बड़े राजनीतिक संदेश के तौर पर देखा जा रहा है। पीएम मोदी की इस यात्रा से भारत और दुनियाभर में जम्मू-कश्मीर को लेकर एक पॉजिटिव सिग्नल भी जाएगा। क्योंकि मोदी के तीसरे कार्यकाल में सबसे चुनौतीपूर्ण कामों में जम्मू-कश्मीर के लिए राज्य का दर्जा बहाल करना है। विधानसभा चुनाव के बाद ऐसा होने की उम्मीद है।
दरअसल, लोकसभा चुनाव के बाद इस समय जम्मू-कश्मीर में भाजपा विधानसभा चुनाव की तैयारियों को तेजी दे रही है। 13 जून से लेकर 16 चली भाजपा की बैठकों में लोकसभा चुनाव के अनुभवों का इस्तेमाल विधानसभा चुनाव जीतने के लिए करने को लेकर मंथन हुआ था। इस बीच सोमवार को भाजपा हाईकमान ने केंद्रीय मंत्री जी किशन रेड्डी को जम्मू-कश्मीर में विधानसभा चुनाव का प्रभारी बनाकर चुनाव की तैयारियों में पूरी ताकत झोंकने के संकेत दे दिए हैं।

बता दें कि जम्मू-कश्मीर में नवंबर-दिसंबर 2014 में विधानसभा चुनाव हुए थे। जून 2018 में BJP के समर्थन वापस ले लेने से BDP-BJP गठबंधन सरकार गिर गई थी। तबसे यहां निर्वाचित सरकार नहीं है। 5 अगस्त 2019 में आर्टिकल 370 निरस्त होने के बाद तो जम्मू-कश्मीर दो अलग-अलग केंद्र शासित राज्य में बंट गया है।
पीएम मोदी की इस यात्रा से जम्मू क्षेत्र में हाल में हुए आतंकी हमलों के बाद सुरक्षा को लेकर हो रही चिंताओं को संतुलित करने की उम्मीद है। क्योंकि आर्टिकल 370 हटाए जाने के बाद लोकसभा चुनाव में कश्मीर घाटी में रिकॉर्ड वोटिंग हुई। हालांकि, सुरक्षा को लेकर चिंताएं जाहिर की गई थीं।ऐसे में जम्मू क्षेत्र में प्रधानमंत्री की मौजूदगी का मतलब सरकार के भरोसे और जम्मू-कश्मीर में शांति, समृद्धि के लिए लॉन्ग टर्म प्लानिंग का संकेत देना भी है।
मई 2022 के परिसीमन के बाद जम्मू संभाग में विधानसभा की 43 सीटें हो गईं, जबकि कश्मीर में 47 सीटें हैं। 2014 के विधानसभा चुनाव की बात करें, तो भाजपा नरेंद्र मोदी के चेहरे के भरोसे उतरी तो थी, लेकिन ‘मोदी मैजिक’ पूर्ण बहुमत के साथ पार्टी को जीत दिलाने में नाकाम रहा था। नतीजों में महबूबा मुफ्ती की पार्टी PDP 28 सीटों पर जीत के साथ सबसे बड़ी पार्टी बनकर उभरी , जबकि BJP 25 सीटों के साथ दूसरी बड़ी पार्टी बनी। नेशनल कॉन्फ्रेंस को महज 15 सीटों से संतोष करना पड़ा। कांग्रेस चारों खाने चित होकर चौथे नंबर पर पहुंच गई।
जम्मू संभाग में विधानसभा की 43 सीटें हैं, जबकि कश्मीर में 47 सीटें हैं। बीते लोकसभा चुनाव में भाजपा को 43 में से 14 सीटों पर हार का सामना करना पड़ा था। उधमपुर व जम्मू लोकसभा सीट के सात विधानसभा हलकों भद्रवाह, डोडा, बनिहाल, इंद्रवल, आरएस पुरा-जम्मू दक्षिण, सुचेतगढ़, गुलाबगढ़ पर कांग्रेस से उसे कम मत मिले थे, तो राजोरी-पुंछ जिले की सात सीटों मेंढर, पुंछ हवेली, सुरनकोट, थन्नामंडी, बुद्धल, राजोरी व नौशेरा पर नेकां से हार का सामना करना पड़ा था।भाजपा को 2019 की तुलना में लगभग 22 फीसदी का नुकसान हुआ था। 2019 में उसे 46.39 प्रतिशत मत मिले थे। क्षेत्रीय दलों नेकां और पीडीपी को फायदा हुआ था। नेकां को 15 व पीडीपी को पांच फीसदी का नफा मिला था। 2019 में दोनों पार्टियों को क्रमश: 7.89 व 3.40 प्रतिशत मत मिले थे।
भाजपा की जीत में राजोरी-पुंछ की निर्णायक भूमिका होगी। यहां पहाड़ियों की आबादी अच्छी तादाद में है। पहाड़ियों को अनुसूचित जनजाति का दर्जा देकर भाजपा ने उनकी लंबी मांग को पूरा किया है। ऐसे में भाजपा को उम्मीद है कि पहाड़ी समुदाय के मतदाता उनका साथ देंगे। सत्ता संतुलन के लिए बनाई गई नई लोकसभा सीट अनंतनाग-राजोरी में भाजपा ने उम्मीदवार न उतारकर अपनी पार्टी का समर्थन किया था। अपनी पार्टी को मिले 1.42 लाख में से 92521 मत इन्हीं दो जिलों से मिले थे। पार्टी का मानना है कि यदि कमल के निशान पर प्रत्याशी होंगे तो निश्चित रूप से पार्टी को फायदा होगा। हालांकि, नेकां यहां मजबूत स्थिति में रही और उसे 305863 मत हासिल हुए जो पार्टी प्रत्याशी को कश्मीर में मिले मत 215973 से लगभग 90 हजार अधिक रहा। पीडीपी को इन दो जिलों से 88459 मत मिले थे।
जाहिर है प्रधानमंत्री मोदी के इस दो दिन के दौरे से कश्मीर को तो बल व तरक्की मिलेगी साथ ही भाजपा को ताकत मिलेगी । ऐसा माना जाता है कि यदि प्रदेश व केंद्र में एक ही पार्टी की सरकार होती है तो उस प्रदेश की तरक्की ज्यादा होती है ।

स्मार्ट हलचल न्यूज़ पेपर  01 अगस्त  2024, Smart Halchal News Paper 01 August 
स्मार्ट हलचल न्यूज़ पेपर  01 अगस्त  2024, Smart Halchal News Paper 01 August 
logo
AD dharti Putra
RELATED ARTICLES